
यमुनानगर से संदीप गाँधी की रिपोर्ट
आयुर्वेद का तीन दिव्य व्यक्तित्व विकास शिविर प्रारंभ
विश्व आयुर्वेद परिषद, हरियाणा और लाल बहादुर शास्त्री महिला आयुर्वेद महाविद्यालय बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयुर्वेद के छात्र-छात्रों के लिए 3 दिव्य व्यक्तित्व शिविर के विकास शिविर की शुरुआत हुई। काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. नरेश अग्रवाल ने बताया कि आज 20 जून को इस शिविर के उद्घाटन सत्र में अंबाला विभाग के अध्यक्ष संघ चालक श्री रमाकांत जी मुख्य अतिथि एवं डॉ. महेंद्र अग्रवाल जी ने की।
मुख्य अतिथि श्री रमाकांत जी ने इस अवसर पर कहा कि आयुर्वेद भारत की स्वदेशी चिकित्सा पद्धति है। इस पद्धति के दस्तावेज़ों द्वारा जाने वाले चिकित्सा की होलशास्त्रीय दृष्टि होती है। आयुर्वेद रोग से मुक्ति का समाधान देता है जबकि अन्य पैथी रोग को केवल मेनेमैनेट करता है। आज के कुल 07 सत्र हुए। गुड़गांव विश्वविद्यालय के भूतपूर्व पितृसत्तात्मक डॉ मार्कण्डे आहुजा जी ने अपने प्रेरक व्याख्यान में बल बड़े और वास्तविक लक्ष्य चयन करने का आह्वान किया और सतत कठोर परिश्रम और दृढ़ निश्चय करने के लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया। ग्रेटर नाएडा में स्थित विश्व संग्रहालय ब्लिस आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र के संस्थापक डॉ. अरुण अग्रवाल ने आयुर्वेद के क्षेत्र में व्यावसायिक अवसर और उद्यमिता (छात्र-छात्रों के लिए जानकारी) के बारे में बताया। उन्होंने विद्यार्थी-विद्यार्थियों से कहा कि वे चिकित्सा कर्म या स्नाकोत्तर शिक्षण केवल धन अर्जन के लिए नहीं बल्कि धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष को प्राप्त करने के लिए करें। प्रोग्राम के संरक्षक एवं लाल बहादुर शास्त्री आयुर्वेद कॉलेज के मालिक डॉ. महेंद्र अग्रवाल ने सभी शिक्षार्थियों से अनुरोध किया है कि शोध-सेमीनार-कार्यशाला आदि के लिए उनके संस्थान को छात्रों की सेवा में हमेशा के लिए समर्पित किया जाता है। कार्यक्रम का संचालन विश्व आयुर्वेद परिषद के सचिव डॉ. पीटर दत्त ने किया।
इस पर हरियाणा कोचिंग के पालक अधिकारी डॉ0 ऋषिराज वशिष्ट जी, अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ0 संजीव शर्मा, डॉ0 प्रेम प्रकाश काशी के उपाध्यक्ष डॉ0 अवसर रविकान्त, कार्यक्रय अध्यक्ष डॉ0 मालविका, संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ0 गीता गर्ग, संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ0 संजीव अग्रवाल उपस्थित थे।