हर घर नल योजना में भ्रष्टाचार और विफलता के आरोप, नदी नाले का दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
दुद्धी सोनभद्र। जनपद के नवगठित विकास खंड कोन के कई ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन के तहत लागू हर घर नल योजना धरातल पर पूरी तरह विफल साबित हो रही है। जलापूर्ति न होने, अधूरी पाइपलाइन और घटिया गुणवत्ता के कारण ग्रामीण खेत-खलिहान में पड़े नदी नाले का दूषित पानी पीने को विवश हैं। इसके विरोध में ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन कर सरकार से शिकायत करते हुए कार्यदायी संस्था पर सरकारी धन के घपले और भ्रष्टाचार लगे हैं।
स्थानीय गांवों जैसे कचनरवा, कुड़वा, बागेसोती, सिंगा, असनाबांध, डीलवाहा, बिछमरवा सहित कई जगहों पर योजना में नल कनेक्शन आंशिक या कागजी तौर पर ही दिया गया है। कई महीनों से नलों से पानी नहीं आ रहा। संस्था द्वारा कार्य को आंशिक रूप से सड़क किनारे पानी बहाकर दिखाने का आरोप लगाया गया है, जबकि अन्य इलाकों में बाल्टी भर पानी की भी व्यवस्था नहीं है।
फ़्लोरोसिस प्रभावित क्षेत्रों में पानी की कमी और दूषित पानी के सेवन से स्थानीय लोगों में बीमारी फैली है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों पर इसका बुरा असर पड़ा है। वरिष्ठ समाजसेवी बिहारी प्रसाद यादव ने कार्यदायी संस्था पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें तत्काल ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए ताकि आम जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से योजना की गंभीरता से जांच और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
इस पर अधिशासी अभियंता जल निगम अरुण सिंह ने कहा कि नदी में बार-बार धारा का परिवर्तन एक बड़ी समस्या है, जिसकी वजह से जलापूर्ति प्रभावित हो रही है, लेकिन सुधार के लिए कार्य प्रगति पर है।
अब यह देखना बाकी है कि जनता को नियमित शुद्ध पानी मिलेगा या यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगी।
सोनभद्र, तहसील रिपोर्टर दुद्धी, विवेक सिंह