लखनऊ,20 जुलाई 2023। सियाचिन ग्लेशियर में बुधवार तड़के साढ़े तीन बजे भारतीय सेना के कई टेंट में आग लग गई। हादसे में रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए। अंशुमान सिंह की 5 महीने पहले 10 फरवरी को शादी हुई थी। कैप्टन अंशुमान 15 दिन पहले ही सियाचिन गए थे। अंशुमान मूल रूप से देवरिया के रहने वाले थे। लखनऊ के पारा मोहान रोड स्थित जिस घर में कैप्टन अंशुमान सिंह की शादी की शहनाई गूंजी थी, वहां गुरुवार को मातम पसर गया। बुधवार सुबह सेना की मेडिकल कोर और कमांड अस्पताल के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी अंशुमान सिंह के घर पहुंचे। उन्होंने पिता रवि प्रताप सिंह को कैप्टन अंशुमान सिंह के शहीद होने की खबर दी। शहादत की खबर मिलते ही उनके परिचितों और रिश्तेदारों का घर पहुंचना शुरू हो गया। बेहाल मां मंजू सिंह के आंसू नहीं रुक रहे हैं। कैप्टन अंशुमान के चाचा सहित परिवार के कई सदस्य सेना में विभिन्न पदों पर तैनात रहे हैं। अंशुमान सिंह की पत्नी इंजीनियर सृष्टि सिंह पठानकोट की रहने वाली हैं। वह नोएडा में रहकर एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करती हैं। अंशुमान के लखनऊ वाले घर में उनके पिता रवि प्रताप सिंह, मां मंजू सिंह, बहन तान्या सिंह और भाई घनश्याम सिंह रहते हैं। देवरिया के लार थाना क्षेत्र के बरडीहा दलपत में उनके दादा और चाचा रहते हैं। शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के रिश्तेदार अजीत सिंह ने बताया कि पहले सूचना मिली कि विशेष विमान से पार्थिव शरीर लखनऊ एयरपोर्ट आएगा। सभी रिश्तेदार और नजदीकी लोग लखनऊ पहुंच गए थे। बाद में खबर आई कि गोरखपुर एयरपोर्ट पर पार्थिव शरीर आएगा। उनका अंतिम संस्कार देवरिया के पैतृक गांव में होगा। पढ़ाई के बाद अंशुमान का चयन आर्मर्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज पुणे में हो गया। वहां से एमबीबीएस करने के बाद कैप्टन अंशुमान सिंह सेना की मेडिकल कोर में शामिल हुए। पत्नी स्मृति पेशे से इंजीनियर हैं और उनके माता-पिता स्कूल के प्रधानाचार्य हैं। आगरा मिलिट्री हॉस्पिटल में ट्रेनिंग के बाद वहीं अंशुमान की तैनाती हो गई थी। पिछले दिनों कश्मीर के पुंछ सेक्टर में तैनात एक बटालियन के वह मेडिकल आफिसर बने। वहां से 15 दिन पहले ही सियाचिन गए थे। उनके पिता रवि प्रताप सिंह सेना में जेसीओ थे। कैप्टन अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह के अलावा भाई घनश्याम सिंह और बहन तान्या सिंह हैं। दोनों ही नोएडा में डॉक्टर हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहीद अंशुमान सिंह को श्रद्धांजलि दी है। योगी ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है। उन्होंने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, जिले की एक सड़क का नामकरण शहीद अंशुमान सिंह के नाम पर करने की भी घोषणा की है।