गाजीपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब्बास अंसारी को पुलिस सुरक्षा के बीच मुख्तार अंसारी की कब्र पर ले जाया गया, जहां अब्बास अंसारी ने अपने वालिद की कब्र पर फातिहा पढ़ी और उसके बाद जेल को रवाना हो गए।
गाजीपुर जेल में ही रहेंगे अब्बास, घर पर नहीं रुकने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को गाजीपुर जेल में रहने के लिए निर्देश दिए हैं। निर्देश के अनुसार, वह 10 अप्रैल को पिता की फातिहा में शिरकत किए। हालांकि अब्बास अंसारी को थोड़ी देर से लाया गया। फातिहा (सूर्योदय ) के पहले की नमाज से शुरू हो गया था, लेकिन उन्हें चार बजे के बाद पैतृक घर (फाटक) लाया गया। फिर भी अब्बास अंसारी ने दुआख्वानी की और परिजनों के साथ इफ्तार किया और फिर अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फूलों की चादर चढ़ाई। साथ ही अपने दादा और दादी की कब्र पर भी फूलों के चादर चढ़ाई और जिला जेल वापस चले गए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 11-12 अप्रैल को परिजनों से मिलने की इजाजत दी गई है। परन्तु सुरक्षा कारणों से अब्बास अंसारी को गाजीपुर जेल में ही अन्य बन्दियों के साथ ईद-उल-फितर की नमाज अदा कराया जाएगा, उसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ पैतृक आवास पर परिजनों से मिलने के लिए लाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को 3 दिन की कस्टडी पेरोल दिया है। इस लिए अब्बास अंसारी को गाजीपुर जेल में ही रात गुजारनी पड़ेगी। 13 अप्रैल को अब्बास अंसारी को पुनः कासगंज जेल पहुंचा दिया जाएगा।
अब्बास अंसारी मऊ जनपद की सदर सीट से हैं विधायक
ज्ञात हो कि अब्बास अंसारी मऊ जनपद की सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। इसी विधानसभा सीट से इनके पिता मुख्तार अंसारी मरहूम लगातार 5 बार विधायक रहे हैं।
मुख्तार अंसारी की फातिहा की रस्म के बाद उनके बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मुख्तार के इंतकाल के बाद आज दसवीं की फातिहा थी, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने अब्बास अंसारी को तीन दिन के कस्टडी पैरोल पर भेजा है। अफजाल अंसारी ने कहा कि अगर अब्बास अंसारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होगा तो वह फिर से कोर्ट की शरण में जाएंगे।