सोनभद्र एक ऐसा जिला है जहां पर उच्च अधिकारियों की मेहरबानी से झोलाछाप डॉक्टर फल फूल रहे हैं
मंडल ब्यूरो चीफ चंद्रजीत सिंह की रिपोर्ट
सोनभद्र एक ऐसा जिला है जहां पर उच्च अधिकारियों की मेहरबानी से झोलाछाप डॉक्टर पढ़े लिखे डॉक्टरों को भी पीछे छोड़ दे रहे है। एमबीबीएस पीएचडी पढ़ाई करने वाले बड़े-बड़े डॉक्टरों की लाखों करोड़ों की डिग्री पर सेंधमारी का काम कर रहे झोलाछाप डॉक्टर। हर तरह की बीमारी का इलाज़ इनके पास होता है बिना डिग्री और लाइसेंस के प्रैक्टिस का कार्य करने से भी पीछे नहीं हटते। साथ ही ऑपरेशन के ज़रिए मरीजों को ठीक करने का सौ फीसदी दावा भी करते है। हम बात कर रहे है पटवध में चल रहे क्लीनिक में झोलाछाप डॉक्टर की जो बड़े से बड़ा इलाज़ करने का दावा करते है। इनके दावे की बाकायदा मार्केटिंग की वजह से दुकान पर सुबह-शाम मरीजों की भीड़ लगी रहती है। डॉटर साहब परामर्श के साथ खुद ही दवा देने का काम भी करते हैं। सूत्र बताते है छोटी सी बीमारी बुखार के इलाज के साथ बड़ी सर्जरी भी करते हैं। वो भी बिना किसी आधुनिक चिकित्सा यंत्र के बेझिझक ऑपरेशन तक कि सुविधा देने से पीछे नहीं हटते। दुकान के आगे बोर्ड पर लिखा है कि महिला चिकित्सक की भी सुविधा है। सूत्रों की माने तो सीएमओ कार्यालय से इस क्लीनिक का कोई पंजीकरण नहीं है। अपंजीकृत क्लीनिक के साथ बिना लाइसेंस के दवाएं भी बेच रहे हैं। कई बार मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे सरकारी अस्पताल व साठगांठ वाले प्राइवेट अस्पताल तक भेजने का काम करते हैं। झोलाछाप डॉक्टर भोले-भाले मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। चर्चाओं की माने तो स्वास्थ्य विभाग में तैनात सविंदा स्वास्थ्यकर्मियों की मिलीभगत से झोलाछापों ने हॉस्पिटल तक खोल रखे हैं। जिले में अनुमानित झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या हज़ारों में हैं। स्वास्थ्य विभाग की मौन स्वीकृति से मरीज़ों को लूटने का कार्य धड़ल्ले से हो रहा।