
काल के गाल में उतर कर कार्य कर रहे श्रमिक,
गहरी खदान में उतर कर वाहनों की कर रहे लोडिंग
सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
सफेदपोश पट्टाधारक के आगे दम तोड़ रहे सारे नियम-कानून
बगैर विशेषज्ञ की मौजूदगी में खदान में श्रमिक करा रहे विस्फोट
हैबी ब्लास्टिंग से रहवासी परेशान, बड़े पैमाने पर फैल रहा प्रदूषण
बगैर सुरक्षा उपकरण के गहरी खदान में जान जोखिम में डालकर कार्य करना श्रमिकों की बनी मजबूरी
सोनभद्र। तमाम कवायदों के बावजूद बिल्ली-मारकुंडी क्षेत्र में नियमों को ताक पर रखकर पत्थर खनन का कारोबार बेरोक-टोक चल रहा है। हैबी ब्लास्टिंग के साथ ही बगैर सुरक्षा उपकरण के गहरी खदानों में अपनी जान जोखिम में डालकर श्रमिक दो वक्त की रोटी के लिए मजबूरी में कार्य करते आसानी से देखे जा सकते हैं। इस खनन क्षेत्र में शासन की गाइडलाइन व एनजीटी के सख्त आदेशों की भी पट्टाधारकों द्वारा खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। बावजूद इसके खान विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों सहित क्षेत्रीय एसडीएम हांथ पर हांथ धरे बैठे हैं।
अवैध खनन को लेकर मेसर्स राधे राधे इण्टरप्राइजेज के नाम से आवंटित पट्टा इन दिनों काफी चर्चा में है। भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि इस खदान में छह पट्टेदार पार्टनर है। इस सिडिकेट में शामिल पट्टाधारक एक सफेदपोश नेता के संरक्षण में मानकों को ताक पर रखकर पत्थर का बड़े पैमाने पर अवैध खनन कराया जा रहा है। आलम यह है कि खदान काफी गहरी होने के बावजूद अधिक कमाई के चक्कर में रात में भी पत्थर निकासी का कार्य बेखौफ चल रहा है। इस खदान में हैबी ब्लास्टिंग कराने की भी जनचर्चा है। बताया कि हैबी ब्लास्टिंग से एक तरफ जहां आस-पास के लोगों का जीना हराम हो गया है, तो वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रदूषण भी फैल रहा है। बिना किसी स्पर्ड (विशेषज्ञ) की मौजूदगी में श्रमिक खदान में विस्फोट कराने का काम कर रहे हैं। आरोप है कि इस खदान के पट्टाधारकों द्वारा वन अनापत्ति प्रमाण पत्र, निदेशक, अनुमोदित खनन योजना संख्या का उल्लिखित सभी शर्तों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली, 2021 के अध्याय-5 में उल्लिखित सभी शर्तों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि नियम विरूद्ध इस खदान में कराए जा रहे पत्थर खनन को लेकर पूर्व में एक पार्टी के प्रतिनिधि द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही शासन में पत्राचार कर शिकायत की गई थी, लेकिन सफेदपोश पट्टाधारक की ऊंची पहुंच के आगे की गई शिकायत दम तोड़ कर रह गई। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से पट्टाधारकों का हौसला बुलंद है। शासन की गाइडलाइन व एनजीटी के सख्त आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए पट्टाधारक अपनी कमाई बढ़ाने के लिए दिन-रात खुले आसमान के नीचे बगैर सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए ही श्रमिकों से कार्य करा रहे हैं। उधर इस बावत खनन विभाग के जेष्ठ खान अधिकारी से संपर्क कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन वे मौजूद नहीं मिले। लिहाजा उनका पक्ष नहीं लिया जा सका। खनन विभाग के सर्वेयर ने सेलफोन पर कहा कि सेफ्टी मानक की जांच खान सुरक्षा निदेशालय वाराणसी की टीम द्वारा की जाती है। बीते दिनों खान सुरक्षा निदेशालय वाराणसी के अधिकारियों ने बिल्ली-मारकुंडी पत्थर खनन क्षेत्र में जांच-पड़ताल किया था। हालांकि अभी तक कोई जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।