नगर निगम में कुछ क्लर्कों और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। एक क्लर्क को दो पटल देने से साबित होता है कि पैसा बलवान है। वहीं, संजीव श्री वास्तव को गैराज से हटाकर गोशाला भेजने का निर्णय अच्छा प्रतीत होता है।
आलोक सैनी और मुकेश के पटल परिवर्तन पर सवाल
आलोक सैनी को कनिष्ठ से वरिष्ठ पटल देने को गलत निर्णय माना जा रहा है। आलोक के विरुद्ध महापौर और नगर आयुक्त को एक गंभीर शिकायत की गई है, जिस पर नगर आयुक्त ने संज्ञान लेने का आश्वासन दिया है। मुकेश का पटल टैक्स में बदलना भी गलत निर्णय साबित हुआ है।
भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग
नगर निगम में कई पटल ऐसे हैं जो भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं, लेकिन उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों का सवाल है कि क्या अधिकारी मिलकर राष्ट्रभक्त महापौर को निगम में कमजोर साबित करना चाहते हैं। महापौर एक ईमानदार और सुलझे हुए नेता हैं और उन्होंने कहा है कि कोई भी भ्रष्टाचारी बख्शा नहीं जाएगा।
महापौर के निर्णय की प्रतीक्षा
लोग महापौर के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।
रिपोर्टरमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़