ब्याजखोरों की वजह से कई बार हंसता-खेलते परिवार तबाह हो जाता..
ब्याजखोरों के खिलाफ गुप्त तरीके से सख्त अभियान चलाकर समाज से ऐसी गंदगी को उखाड़..!
आज शहरों व महानगरों एवं गावों में ब्याजखोरों का आतंक इतना बढ़ा हुआ हैं कि लोग जितने पैसे लेते हैं उससे कई गुना चुकाने के बाद भी वह ब्याज देने पर मजबूर हैं, वैसे ब्याज पर पैसे लेना और देना कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब यह ब्याजखोरी का जरिया बन जाता है तो इसका परिणाम दर्दनाक ही होता है! ब्याजखोर किसी को समस्या से निकालने के लिए नहीं बल्कि अपने धन को दोगुना-तीन गुना करने के लिए कर्ज का धंधा चलाते हैं लाभ कमाना उनका मकसद होता है! इसलिए उनमें संवेदना का स्तर लगभग शून्य रहता है। यह हैरान करने वाली बात है कि अनेक कानूनी प्रविधान करने के बाद भी ब्याजखोरों का जाल पूरे देश में फैला है। उनका नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका है कि अनेक क्षेत्रों में पुलिस प्रशासनिक उन तक पहुंचने का साहस ही नहीं दिखा पाते ! एक तरह से व समानांतर व्यवस्था चला रहे हैं! देश प्रदेश में ब्याजखोरों की गैंग शहर व महानगर से लेकर गांव तक फैला हुआ है कई क्षेत्रों में तो व इतने सशक्त हो चुके हैं कि बिना व्यापक अभियान चलाए उन्हें नियंत्रित करना मुश्किल है! राहत की बात है कि ब्याजखोरी का धंधा रोकने के लिए कानूनी प्रविध गान करने वाली सरकार अब सूदखोरों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने जा रही है! तो वही गैर पंजीकृत ब्याजखोर पुलिस प्रसासन के किसी भी नियम कायदे को नहीं मानते ! ऐसा भी नहीं है कि उन्हें नियंत्रित करने के लिए कोई प्रविधान नहीं है। इन ब्याजखोरों की वजह से कई बार हंसता-खेलते परिवार बर्बाद हो जाते और कई बार मौत को गले लगा लेने पर मजबूर हो जातें हैं। सरकार को चाहिए कि ऐसे ब्याजखोरों के खिलाफ गुप्त तरीके से सख्त अभियान चलाना चाहिए और समाज से ऐसी गंदगी को उखाड़ कर लोगों की जिंदगी बचानी चाहिए। तस्वीर बेनकाब
रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़