30 महिलाओं को हस्तशिल्प वस्तुओं का दिया प्रशिक्षण
अकरम खान पटेल की रिपोर्ट
। 10 जुलाई से 9 अगस्त तक सिसल फाइबर उन्नयन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हुआ। जिसमें 30 हितग्राहियों को इस सीसल फाइबर रेशे की तरह के हस्तशिल्प वस्तुओं को बनाने का विधिवत प्रशिक्षण दिया गया इस कार्यक्रम में हितग्राहियों का उत्साह बढ़ाने स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी समय-समय पर आकर अपनी ओर से प्रोत्साहित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद विज्ञान भवन भोपाल के द्वारा किया गया। जिसका संचालन कॉमन विकास जन सेवा समिति भोपाल द्वारा किया जा रहा है। इस मौके पर विषय विशेषज्ञ अमरनाथ यादव ने बताया कि पौधे से काटे गए ताजे पत्तों से निकाला गया सिसल फाइबर कम लोच वाला, सख्त और मजबूत होता है। यह मैटिंग, खुरदरे हैंडबैग, रस्सियाँ, डोरी, खास तौर पर समुद्री रस्सी जहां समुद्री पानी के लिए अच्छे प्रतिरोध की आवश्यकता होती है और कालीन जैसी वस्तुओं के निर्माण में महत्वपूर्ण है। अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार और सचिव जोगेंद्र कुमार यादव ने बताया कि सिसल फाइबर प्राकृतिक फाइबर है जिसमें उच्च शक्ति और मापांक, आसान पहुंच, कम कीमत, उच्च स्थायित्व, कम रखरखाव, कम टूट-फूट के साथ पुनर्चक्रण क्षमता होती है। इसमें उच्च जल अवशोषण शक्ति होती है। कार्यक्रम का संचालन कविता मालवीय ने और आभार पार्षद श्रीमती सोमती धुर्वे ने व्यक्त किया। वरिष्ठ समाजसेवी सुमन मालवीय ने शिविर का निरीक्षण किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अदिति मालवीय, चेतांशी साहू, प्रीति साहू, प्रीति उइके, चेतना मालवीय सहित 30 महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।