अकरम खान पटेल की रिपोर्ट।
भैंसदेही जिला बैतूल में श्री सहस्त्रबाहु अर्जुन समारोह समिति के तत्वाधान में कल्चुरी कलार समाज भैंसदेही द्वारा, कल्चुरी वंश के आराध्यदेव भगवान श्री राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु अर्जुन की जयंती के शुभअवसर पर भगवान सहस्त्रबाहु जी की हवन, पूजन भगवान श्री सहस्त्रबाहु जी के मंदिर में आयोजित किया गया ।
सर्वप्रथम भैंसदेही जाने के लिए सभी विकासखंड के स्वाजातीय बंधु कनक वाटर पार्क में एकत्र हुए वहां उपस्थित स्वजातीय भगवान सहस्त्रबाहु जी का मां ताप्ती के जल से अभिषेक किया गया ।
तत्पश्चात हवन पूजन आरती की गई ।
समाज के सभी वर्गों ने एकजुटता का परिचय देते हुए कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
समाज के संत श्री श्री १००८ संत पगलानंद जी महाराज के मुख्यातिथ्य, एवं संरक्षकगण, श्री प्रेमशंकर मालवीय, जिलाध्यक्ष मनोज आर्य जिला सचिव निर्देश मदरेले, भैंसदेही नगर अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण मालवीय युवा अध्यक्ष राहुल मालवीय, एवं पूरे जिले दूरदराज से पधारे हमारे स्वजातीय बंधुओ की उपस्थिति में जयंती धूमधाम से मनायी गई, एवं उपस्थित विभिन्न क्षेत्रों से आए 250 समाजसेवियों (पुरुष महिला) का पुष्प एवं शॉल श्री फल द्वारा सम्मान किया गया। तत्पश्चात् उपस्थित समस्त जन समूह ने स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया।
भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की जयंती का शुभारंभ कनक वाटर पर भगवान सहस्त्रबाहु जी आरती कर एवं प्रसाद ग्रहण कर किया गया एवं जयंती की पूर्व संध्या पर, मां ताप्ती नदी पर दीपदान किया गया।
तत्पश्चात् स्वामी जी की अध्यक्षता में, कलचुरी वंश के पथ प्रवर्तक एवं आराध्य भगवान श्री सहस्त्रबाहु अर्जुन के जन्मोत्सव सहस्त्रबाहु चालीसा का पाठ हुआ ।
इस पावन अवसर पर समस्त स्वजातीय बंधुओ ने एकजुट होकर भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की प्रतिमा की विधिवत पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। पूजा उपरांत भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति और उत्साह का माहौल बना रहा।
कार्यक्रम में समाज की एकता, संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का संदेश दिया गया। उपस्थित जनों ने सहस्त्रबाहु अर्जुन के आदर्शों को आत्मसात करने और समाज में आपसी सौहार्द बनाए रखने का संकल्प लिया। पूरे आयोजन के दौरान भैंसदेही नगर में उल्लास और श्रद्धा का वातावरण छाया रहा।
मालूम हो कि सहस्त्रबाहु अर्जुन जयंती का पर्व क्षत्रिय कलार समुदायों द्वारा बड़ी श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है। यह पर्व पराक्रम, धर्म रक्षा और न्यायप्रियता के प्रतीक भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन (कार्तवीर्य अर्जुन) की जन्मोत्सव पर मनाया जाता है। सहस्त्रबाहु अर्जुन भगवान विष्णु के भक्त थे और अत्यंत पराक्रमी राजा थे। उनके हजार भुजाएँ के बराबर बलशाली होने के कारण उन्हें “सहस्त्रबाहु” कहा गया। उन्होंने पृथ्वी पर न्याय और व्यवस्था स्थापित की थी। उन्होंने अपने समय में अधर्म के विरुद्ध युद्ध कर धर्म की रक्षा की। कहा जाता है कि उन्होंने अनेक दुष्ट राजाओं को पराजित कर प्रजा की रक्षा की थी। समाज में एकता, वीरता और संगठन की भावना जागृत करने के लिए यह जयंती मनाई जाती है। इस दिन लोग सहस्त्रबाहु अर्जुन के आदर्शों को याद कर समाज में एकजुटता का संकल्प लेते हैं।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से बैतूल से नवनीत मालवीय, राजेंद्र लवाहटे, अरविंद मालवीय, सुरेश मालवीय, योगेश मालवीय, वीरेंद्र मालवीय, अंकुश मालवीय,मां ताप्ती नगरी से अशोक शिवहरे, अजय शिवहरे, रमेश शिवहरे, दीपक शिवहरे, पीयूष शिवहरे, खेड़ली बाजार से राजेंद्र बिहारिया, नवीन बिहारिया, आमला से पप्पू जायसवाल नव नियुक्त आमला नगर अध्यक्ष गणेश मालवीय, आठनेर हिंडली से पम्मू आर्य, का से पीयूष मालवीय, झल्लार से अजीत आर्य, केरपानी से विक्की आर्य, संतोष सूर्यवंशी, अजय सूर्यवंशी, ग्वसेन से रोहित आर्य, पाथाखेड़ा से कैलाश आर्य, रविकांत आर्य, मुन्नालाल आर्य, चिरापाटला से महेन्द्र आर्य, भीमपुर से राजकुमार रायपुरे, दिलीप आर्य, प्रमोद आर्य, सुरेंद्र आर्य, रंभा से कृष्णा आर्य, चिचोली से ड्रा धर्मेंद्र पटेल, राजकुमार मालवीय, रिंकू आर्य, महेंद्र बोस, प्रवीण आर्य,नित्तू आवलेकर मुकेश मालवीय नवीन आर्य, सीतु आर्य,सुदेश् आर्य अंकु आर्य सहित अनेक समाजजन उपस्थित थे।