दीपक मिश्रा रिपोर्ट, राम जी कैमरा मैंन के साथ इंडियन टीवी न्यूज चैनल ।।
उत्तर प्रदेश ।।
में कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बनाई जाने वाली वॉल पेंटिंग पर हिंदू देवी देवताओं के प्रतीकात्मक चित्र को लेकर लोगों ने आपत्ति की है. दरअसल, इन दिनों शहर में नगर पालिका द्वारा कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न स्थानों पर वॉल पेंटिंग कराई जा रही है.
बता दें कि पेंटिंग में काली देवी और भगवान शिव की प्रतीकात्मक प्रतीत हो रही है, जिसमें कोरोना का रूप दर्शाया गया है. डॉक्टर का लिबास बने त्रिशूल धारी देवी रूप महिला हाथों में सेनेटाइजर, कोरोना वैक्सीन का इंजेक्शन लिए हुए हैं. इसके अलावा एक अन्य हाथ से कोराना को पैरों के नीचे दबाकर त्रिशूल से वार कर रही है. इस पेंटिंग को कुछ लोग माता काली और उनके पैरों में लेटे भगवान शिव के रूप में भी समझ रहे हैं. इसके अलावा वॉल पेंटिंग में ‘वैक्सीन ही दवाई.. भागो कोरोना भाई’ का स्लोगन भी लिखा गया है.
इस बाबत स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना काल में डॉक्टरों और शासन प्रशासन ने भगवान के रूप में आकर जनता को कोरोना जैसी महामारी से बचाने का कार्य किया है, लेकिन जागरूकता के लिए हिंदू देवी-देवताओं के चित्रों का इस्तेमाल करना सही नही है. उन्होंने बताया कि नगर पालिका द्वारा बनवाई गई वॉल पेंटिंग से लोगों की आपत्ति सामने आ रही है.जिसके बाद वॉल पेंटिंग में बदलाव किया गया.
वहीं नगर पालिका परिषद ईओ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के तहत मुख्य चौराहों और मुख्य गलियों में वॉल पेंटिंग कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि वॉल पेंटिंग पर किसी भी प्रकार के विरोध का कोई मामला उनके संज्ञान में नही है.