
अलीगढ,08 दिसम्बर 2022 (यूएनएस)। प्रख्यात अर्थशास्त्री एवं इस्लामी अर्थशास्त्र के विद्वान, प्रोफेसर नेजातुल्लाह सिद्दीकी (1391-2002), जिनका हाल ही में स्वर्गवास हो गया, और इस्लामी अध्ययन में उनकी सेवाओं पर अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इस्लामिक स्टडीज विभाग में एक व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए प्रोफेसर अब्दुल अजीम इस्लाही ने कहा कि इस्लामी अध्ययन का विषय इस्लामी संस्कृति और सोच का अध्ययन होना चाहिए और इस्लामी विज्ञान के ग्रंथ और नियम प्राथमिक स्रोतों से प्राप्त किए जाने चाहिए और युवा विद्वानों को किसी भाषा में लिखी गई पुस्तक को सीखने और उसमें अपनी प्रवीणता विकसित करने के लिए उसका अनुवाद करना चाहिए। अतिथि वक्ता ने कहा कि प्रो. नेजातुल्लाह सिद्दीकी का सम्बन्ध शर्की सुल्तान से था जो काजी की सराय गोरखपुर में काजी के पद पर आसीन थे। उनकी व्यक्तिगत रुचि, कड़ी मेहनत और समर्पण और अनेक स्रोतों से उन्होंने कुरान और इस्लामी विज्ञान को सीखा। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा मलिहाबाद, रामपुर माध्यमिक विद्यालय और मुस्लिम विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उन्होंने मौलाना अख्तर अहसान इस्लाही से कुरानिक विज्ञान सीखने के लिए मदरसत-उल-इस्लाह में छह महीने बिताए। डॉ. अब्दुल अजीम इस्लाही ने बताया कि प्रो नेजातुल्लाह सिद्दीकी 14 साल तक मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लेक्चरर रहे, उन्हें 1970 में रीडर बनाया गया और कुलपति प्रो अली मुहम्मद खुसरो के काल में उन्हें 1977 में प्रोफेसर बनाया गया। अमुवि में अपना सेवाकाल पूरा करने के बाद वह इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिसर्च इन इकोनॉमिक्स, जेद्दाह चले गए जहां उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 1982 में किंग फैसल अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।डॉ. इस्लाही ने कहा कि प्रोफेसर सिद्दीकी ने अर्थशास्त्र के अलावा अन्य अरबी, उर्दू और अंग्रेजी भाषाओं में भी बहुमूल्य ज्ञान छोड़ा है। उनकी किताब अल-खराज (अबू यूसुफ) और अल-अदालत अल-इज्तिमायह (सैय्यद कुतुब) का अनुवाद और उनकी टिप्पणियां आज भी शोधकर्ताओं के लिए समान रूप से उपयोगी हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इस्लामिक अध्ययन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. सलीम किदवई ने मुहम्मद नेजातुल्लाह सिद्दीकी की सेवाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को अपने छात्र दिनों की सुखद यादों से अवगत कराया जब वह, नेजातुल्लाह सिद्दीकी और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी आदि आफताब हॉल में रहते थे।बैठक के संचालक डॉ. जियाउद्दीन फलाही ने कहा कि डॉ. नेजातुल्लाह सिद्दीकी की पांच भाषाओं में 36 पुस्तकें हैं और उनकी अंग्रेजी पुस्तक बैंकिंग विदआउट इंटरेस्ट 72 बार छप चुकी है।