इंडियन टीवी न्यूज़ शहडोल से संवाददाता घनश्याम शर्मा की रिपोर्ट
कोयला खदान में दम घुटने से 4 युवाओं की मौत एसईसीएल के बाद धनपुरी यूजी माइंस में देर रात हुआ हादसा जांच पड़ताल में जुटी पुलिस
सोहागपुर कोलफील्ड लिमिटेड एसईसीएल एरिया अंतर्गत बंद पड़ी धनपुरी भूमिगत खदान के अंदर कबाड़ चोरी के नियत से घुसे चार युवकों की खदान के अंदर हुई मौत हलाला की घटना स्थल थाने से महज 4 किलोमीटर दूर था जहां 4 लोगों की जान चली गई आप अंदाजा लगा सकते हैं और सवाल यही सामने आता है कि क्या थाने के टीआई को यह जानकारी नहीं लगी कि थाना के पास ही बंद खदान से कबाड निकाला जा रहा है अगर जानकारी नहीं लगी तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि संबंधित थाना प्रभारी की कार्यशैली कैसी है सवाल होना लाजमी होता है क्षेत्र में क्या अवैध और क्या वैध काम हो रहा है,सम्भवतः खदान की जरेली गैस के कारण युवाओं का अंदर ही दम घुटने से यह हादसा हुआ है। जानकारी लगने के बाद कुछ ही देर में पुलिस व प्रशासन के अलावा आला अधिकारी मौके पहुंच गए जिसके बाद देर रात्रि सुबह तक घंटों पुलिस वा कालरी की रेस्क्यू की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला मृतक की पहचान जारी कोल, कपिल विश्वकर्मा, राज महतो, राहुल कोल और गणेश महतो निवासी वार्ड नंबर 16 धनपुरी के बताए जाते हैं, घटना के बाद मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया जानकारी के अनुसार उत्तक यूजी माइंस को कोयला उत्पाद के बाद पिछले लगभग 5 से 6 वर्ष पूर्व की बंद किया गया था जहां बीती रात्रि माइंस के मुहाडे की दीवार में होल करने के बाद उत्तक चोरों युवक कबाड़ चोरी की नियत से अंदर घुसे थे जबकि उनका एक साथ ही बाहर खड़े होकर चौकीदारी कर रहा था जब काफी देर बाद भी उत्तक चारों युवक बाहर नहीं आए और उसे किसी अनहोनी की आशंका हुई तो फिर इसकी जानकारी पुलिस तक पहुंची।
वही एक साथी ने सारी घटना को बताते हुए कहा कि कल ही इसी माइन से कबाड़ निकाला गया था और उसे पप्पू कबाड़ी के पास बेचा गया था जिससे ₹5000 मिले थे और दिन भर सभी ने मिलकर जमकर दारू और मुर्गा छाना था, शाम होते-होते जब पैसे खत्म हो गए तो फिर हाथ में आरी और सब्बल लेकर उसी बंद माइंस की सुरंग में घुस गए और वही गैस के संपर्क में आने से उनकी मौत हो गई। चारों मृतकों के साथ कबाड़ चोरी करने गए सिद्धार्थ के इस बयान से इस बात की पुष्टि तो हो ही गई कि कोयलांचल में एक बार फिर पप्पू टोपी और उसके साथी गुड्डू कबाडी कबाड का कारोबार कर रहे थे, इस बयान से इस बात को पुष्टि तो मिलती ही है कि धनपुरी में रत्नांबर शुक्ला के दोबारा थाना संभालने के बाद न सिर्फ पप्पू टोपी और अन्य कबाड़ियों के साथ माफियाओं की वापसी हो गई बल्कि उन्होंने अपना काम भी शुरू कर दिया था, यही वजह थी कि यहां बड़े पैमाने पर युवा नशे और कबाड़ कारोबार की और हाथ बढ़ा रहे हैं बहरहाल इस मामले में आगे पुलिस क्या करती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन पुलिस और कबाड़ियों का गठबंधन आखिरकार बेरोजगारो की मौत का कारण बना।