बून्दी फरियादी अर्जुन का ऑटो रोककर जेवर और नगदी छीनने एवं चाकू मारने की घटना का दबलाना थाना अधिकारी ने किया खंडन मामले को बताया मनगढ़ंत कहानी। थाना अधिकारी रमेश चंद मेरोठा ने बताया कि लूट कसोट का कोई मामला ही नहीं था। रामनगर निवासी कंजर जाति के कुछ लोगों से दबलाना थाना क्षेत्र के शंकरपुरा निवासी एक कंजर परिवार की पैसे की लेनदेन को लेकर काफी समय से अनबन चल रही थी। 5 मार्च को फरियादी अर्जुन अपने परिजनों के साथ रानीपुरा माताजी के दर्शन करके वापस लौट रहा था। तभी शंकरपुरा चौराहे पर शंकरपुरा निवासी कंजर परिवार ने ऑटो को रुकवा कर 9 साल पहले दिए हुए ₹70000 मांगे तो दोनों पक्षों कहासुनी एवं हाथापाई हो गई। जिसमें में अर्जुन नीचे गिर गया जिसके कारण सिर में हल्की सी खरोच एवं कमर के उपर चोट लग गई। घटनास्थल थाना परिसर से कुछ ही दूरी पर होने के कारण जोर जोर से चिल्लाने की आवाज सुनकर थानाधिकारी मय जाब्ते की मौका स्थल पर पहुंचे। जहां पर पूछताछ करने पर मंगलसूत्र छिनने एवं चाकू मारने जैसी बात मौजूद दोनों पक्षों में से किसी ने नहीं बताई। मौके पर दोनों पक्षों में से किसी भी पक्ष ने थाने में रिपोर्ट नहीं दी। थानाधिकारी ने दोनों पक्षों को समझाइश कर रामनगर निवासी कंजर परिवार को ओटो में बिठाकर रवाना कर दिया। बूंदी पहुंचने पर फरियादी अर्जुन सरकारी अस्पताल बूंदी में खुद ही भर्ती हो गया। तथा प्रेस कार्यालय में जाकर मनगढ़ंत कहानी सुनाकर खबर प्रकाशित करवा दी। कंट्रोल रूम से जानकारी मिलने पर हेड कांस्टेबल नानूराम गुर्जर बूंदी अस्पताल पहुंचकर भर्ती घायल अर्जुन का पर्चा बयान लिया जिसमें भी मंगलसूत्र छीनने चाकू मारने लूट कसोट करने जैसा कोई बयान नहीं दिया। 9 तारीख के एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर मैं पुलिस और बदमाशों की सांठगांठ बताई गई थी । लूट कसोट एवं चाकू मारने के मामले को झूठा करार देते हुए। थाना अधिकारी रमेश चंद्र मेरोठा ने उक्त प्रकरण का पर्दाफाश किया। तथा फरियादी अर्जुन के पर्चा बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
संवादाता पुरुषोत्तम बून्दी