
रिपोर्टर राजेंद्र धाकड़
नर्मदापुरम। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, मध्य प्रदेश शासन की प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी की अध्यक्षता में प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में चल रही उपार्जन प्रक्रिया तथा पात्रता पर्ची हितग्राहियों के ई केवाईसी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।बैठक में प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 1 मई 2025 से स्मार्ट पीडीएस प्रणाली लागू की जा रही है। इस प्रणाली के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रता पर्ची धारकों को केवल ई-केवाईसी पूर्ण करने के पश्चात ही राशन वितरित किया जाएगा।प्रमुख सचिव ने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि 30 अप्रैल 2025 तक शत-प्रतिशत पात्रता पर्ची धारकों का ई-केवाईसी कार्य पूर्ण कराया जाए। इसके लिए जिला स्तर पर विशेष अभियान चलाया जाए और सुनियोजित कार्य योजना के तहत कार्य किया जाए।प्रमुख सचिव ने कहा कि इस कार्य हेतु प्रत्येक जिले में ई-केवाईसी दल का गठन किया जाए, जिसमें पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, वार्ड प्रभारी और विक्रेता को दल सदस्य के रूप में शामिल किया जाए। साथ ही, दल के सभी सदस्यों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिलवाया जाए ताकि कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि अभियान के दौरान स्थानीय स्तर पर मृत, पलायन कर चुके एवं डुप्लीकेट सदस्यों की पहचान कर उनका डाटा पोर्टल पर विलोपित किया जाए। इसके साथ ही, ई-केवाईसी प्रक्रिया की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी कलेक्टर्स जिला स्तर से अनुविभागी अधिकारियों को उक्त संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी करें।
इसी प्रकार प्रदेश में उपार्जन प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए प्रमुख सचिव ने गेहूं खरीदी में गति लाए जाने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव ने निर्देशित किया कि आगामी एक दिवस में सभी प्रस्तावित उपार्जन केंद्रों को सक्रिय किया जाए, ताकि किसानों को सुविधा मिल सके। साथ ही, आवश्यकता पड़ने पर कृषि उपज मंडियों में भी उपार्जन केंद्रों की स्थापना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि उपार्जन केंद्रों पर स्लॉट बुकिंग के आधार पर ही खरीदी की जाए और तौल कांटों की पर्याप्त व्यवस्था, छाया, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाएं किसानों के लिए सुदृढ़ रूप से उपलब्ध कराई जाएं। प्रमुख सचिव ने कलेक्टर्स को यह भी निर्देश दिए कि पंजीयन की तुलना में स्लॉट बुकिंग की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित की जाए और किसानों द्वारा पंजीयन उपरांत स्लॉट बुकिंग किए जाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि कि उपार्जित फसल का यथाशीघ्र परिवहन कराया जाए और स्वीकृति पत्रक का समय पर जारी किए जाए। बैठक के दौरान प्रमुख सचिव द्वारा यह निर्देश भी दिए गए कि यदि किसी प्रकार की तकनीकी समस्या आती है, तो विभागीय टेक्निकल टीम से समन्वय कर तत्काल समाधान सुनिश्चित किया जाए। वेंडर फेल्योर के मामलों का विश्लेषण करते हुए प्रमुख सचिव ने सभी कलेक्टर्स से कहा कि प्रभावित कृषकों से संपर्क कर बैंक खातों को आधार से लिंक कराया जाए और भुगतान प्रक्रिया शीघ्र पूरी कराई जाए। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया कि वे अपने जिलों में उपार्जन प्रक्रिया में अपेक्षित गति और गुणवत्ता सुनिश्चित करें ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।बैठक में कमिश्नर कार्यालय के एनआईसी कक्ष में संभागायुक्त नर्मदापुरम श्री कृष्ण गोपाल तिवारी, उपायुक्त राजस्व श्री गणेश जायसवाल एवं संयुक्त आयुक्त विकास श्री जीसी दोहर उपस्थित रहे। वहीं कलेक्टर कार्यालय के एनआईसी कक्ष में कलेक्टर सोनिया मीना, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सौजान सिंह रावत, जिला आपूर्ति अधिकारी रश्मि साहू सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।