झारखंड राज्य के गुमला जिला अंतर्गत चैनपुर प्रखंड के मलम पंचायत के गांव मालम में 8 गांवों के अगुवाकारी साथियों को पेशा कानून,ग्राम सभा की शासक्ति करन,और वन अधिकार अधिनियम 2006 के बारे विस्तृत से बताया गया जिस्मे वन अधिकार समिति की गठन पुनर्गठन एवं उसके कार्य और जिम्मेवारी की भी बताया गया इस बैठक में मुख्य रूप से पंचायत समिति सदस्य अनीता देवी एवं पहले से चुना गया वन अधिकार समिति के सदस्य भाग लिए ट्रेनर के रूप में गुमला के जिला समन्वयक ललित कुमार महतो, खूंटी जिला से मंगरा लिवनुस भेंगरा प्रोजेक्ट मैनेजर और मालम पंचायत के पंचायत समन्वयक जेम्स कुजूर उपस्थित हुए। प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला समन्वयक ललित कुमार महतो ने कहा कि इस अधिनियम के तहत अजजा वर्ग के सदस्य जो 13 दिसंबर 2005 के पूर्व से वन में निवास करते हो या जीविका की वास्तविक आवश्यकता की पूर्ति के लिए वन पर आश्रित हो तथा अन्य परंपरागत वन निवासी कोई भी ऐसा सदस्य जो 13 दिसंबर 2005 के पूर्व कम से कम तीन पीढ़ियों से वन भूमि के निवास करता हो अथवा जीविका की वास्तविक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वनों पर निर्भर हो, पात्र है। वनभूमि के अधिभोग का व्यक्तिगत अधिकार निवास स्थान एवं कृषि भूमि अन्य अनुषांगिक क्रियाकलाप जैसे पशु रखने, फसल कटाई के बाद अन्य क्रियाकलाप, चक्रानुक्रम परती भूमि, वृक्ष उपज और उत्पाद के भंडारण के लिए प्रयुक्त वन भूमि पर अधिकार है। जिसकी अधिकतम सीमा 4 हेक्टेयर है। कार्यशाला में सदस्यों को वन अधिकार के सभी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई।
गुमला से संवाददाता बजरंग कुमार