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33 वाँ पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव 24 जनवरी से 04 फरवरी 2024 तक आयोजित होगा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कल करेंगे 33वां पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव-24 का उद्घाटन

33 वाँ पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव 24 जनवरी से 04 फरवरी 2024 तक आयोजित होगा

 

जोधपुर। लघु उद्योग भारती जोधपुर प्रान्त, जिला प्रशासन, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र जोधपुर एवं उद्यम प्रोत्साहन संस्थान प्रोत्साहन संस्थान के संयुक तत्वावधान में दिनांक 24 जनवरी से 04 फरवरी 2024 तक शहर के रामलीला मैदान रावण का चबूतरा मैदान मे पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव 2024 का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गयी है। रावण का चबूतरा मैदान संज धजकर जोधपुर एवं पास के दर्शकों की बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा है। राममयो यह उत्सव अपने में

थीम पर आधारित अनेक खूबियां लिये हुए होगा। उद्‌द्घाटन समारोह में राजस्थान राज्य के माननीय मुख्यमंत्री भजनलालजी द्वारा होगा। जलशति मंत्री आदरणीय श्री गजेन्द्रसिंह शेखावत करेंगे एवं विशिष्ट अतिथि विधि एवं न्यायमंत्री श्री

जोगारामजी पटेल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अविनाश गहलोत, उद्योगराज्यमंत्री श्री के के विश्नोई होगें। दिनांक 27 जनवरी को राजस्थान को उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री दीयाकुमारी जी उद्योगों से संवाद कार्यक्रम को संबोधित करेगी। दिनांक 02 फरवरी को सहकारिता विभाग मंत्री श्री गौतमकुमार दक शिरकत करेंगे। जोधपुर पश्चिमी राजस्थान का प्रमुख औद्योगिक एवं व्यापारिक केन्द्र बन चुका है। जोधपुर की स्थापना हुए पांच सी पैसठ वर्ष की आयु वाले इस लघु उद्योग नगरी जोधपुर ने अनेक उतार

चढ़ाव देखे। वीरता से ओतप्रोत एवं ज्ञान

से परिपूर्ण यह सूर्यनगरी अपने धार्मिक

अनुष्ठानों के कारण भी पूरे देश में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी है जोधपुर शहर का अदरूनी हिस्सा चांदपोल, बहमपुरी इत्यादि क्षेत्र जोधपुर किले के चारों और की बसावट का है व अपने आपको नीले रंग से रंगकर रखता है। इसी कारण बहुत सारें पर्यटक एवं फिल्म निर्माता यहां पर आकर्षित होते रहते है। जोधपुर के नागरिको को चटक रंगों से परिपूर्ण परिपूर्ण बहुरंगी पोशाकें विविधतासे परिपूर्ण जोधपुरी जीवन से परिपूर्ण बहुत ही आकर्षक एवं रोचक बना देती है। ही में जोधपुर में सभी त्यौहारों को बहुत आकर्षक एवं उत्साहपूर्ण वातावरण मनाया जाता है. गणगौर का मेला, बेंतमार मेला एवं रावण दहन के कार्यक्रमो में जोधपुर की जनता

बढ़चढ़कर हिस्सा लेती है। पूर्व से ही जोधपुर की हस्तशिल्प कला जास्ते से बनाये जाने वाले पानी ठण्डा रखने के बादले, इंजिनियरिग उपकरणों की लम्बी श्रृंखला कृषि आधारित उद्योग एवं खजिन एवं कृषि आधारित उद्योग अपना बेशिष्ट रखते आये है। लेकिन उत्तरोतर काल में औद्योगिक

विकास में जोधपुर की कोई शानी नहीं रही है। यहां पर टैक्सटाईल की रंगाई छपाई का उद्योग बहुत तेजी से बढ़ा है हस्तशिल्प उद्योग ने अपने पैर बड़ी गहराई से जमाए, कृषि आधारित ग्वारगम उद्योग, दाल मिलों, मगज के बीज निकालने के उद्योग, मूर्गफली का बीज निकालने के उद्योग, खाद्य तेल निकालने के उद्योग, पशु आहार निर्माण करने के उद्योग भी पुष्पित एवं पल्लवित हुए।

जोधपुर के लघु उद्योगों ने रोजगार के उपलब्ध करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एवं यहां के उद्योगों को संरक्षित करने एवं विकसित करने के लिये यह उद्योग एवं हस्तशिल्प उत्सव एक बहुत ही कारगार माध्यम सिद्ध होता है। विगत में 32 ऐसे आयोजन हो चुके है। इस बार 33 वा आयोजन भगवान राम पर आधारित थीम पर बनाया जा रहा है। इस उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चालू है। जोधपुर के जिलाधीश इस गौरव अग्रवाल एवं लघु उद्योग भारती के श्री घनश्याम ओझा मेला संयोजक की भूमिका में अपने कर्तव्य वहन कर रहे है। निम्न व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा चुकी हैं 600 से अधिक स्टॉल लगाये जा रहे है जिनके लिये कुल 10 डोम बनाये गये है। एक बहुत ही सुन्दर केन्द्रीय पण्डाल बनाया गया है। इस उत्सव को मेले का स्वरूप देने केलिये रोचक व स्वादिष्ट व्यंजनो को स्याद जोधपुर वासियों को मिल सके इसके लिये काफी बड़ा फूड कोर्ट बनाया गया है। मंनोरंजन स्थली के रूप में किड्स जोन बनाया जा रहा है।

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