72 वर्षों बाद बन रहा महाशिवरात्रि पर अद्भुत संयोग, काशी विश्वनाथ में मंगला आरती रात 2.15 बजे
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ब्यूरो चीफ. करन भास्कर चन्दौली उत्तर प्रदेश
चन्दौली /वाराणसी देवों के देव महादेव की उपासना का महापर्व महाशिवरात्रि आठ मार्च को मनाई जाएगी। 72 वर्षों बाद बनने जा रहे अद्भुत संयोग को लेकर क्षेत्र के सैदपुर स्थित बूढ़ेनाथ महादेव, बभनौली के बिछुड़ननाथ महादेव, सिधौना के सिद्धनाथ महादेव व औड़िहार के वराहधाम स्थित विशेश्वर महादेव मंदिरों में तैयारी शुरू हो गई है।
इस बार महाशिवरात्रि शिवयोग, सिद्धयोग और चतुर्ग्रही योग में मनाई जाएगी। पं. विजय प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है। जो माता लक्ष्मी को समर्पित है। इस संयोग में महादेव के पूजन अर्चन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है।
शास्त्र के अनुसार भी जिस दिन अर्धरात्रि में चतुर्दशी हो। उसी दिन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए। शिवरात्रि महात्म्य में भी लिखा है कि शिवरात्रि से बढ़कर कोई दूसरा व्रत नहीं है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि सात मार्च को रात्रि 9:47 बजे लगेगी और आठ मार्च को रात्रि 7: 38 बजे तक रहेगी। श्रावण नक्षत्र सात मार्च को दिन में 9: 18 बजे से आठ मार्च को दिन में 7: 59 बजे तक रहेगा।
महाशिवरात्रि पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में विशेष पूजा और आरती का समय जारी
महाशिवरात्रि पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में विशेष पूजा और आरती का समय जारी किया गया है। मंगला आरती आठ मार्च को रात 2.15 बजे से शुरू होगी। इसके बाद सुबह 3.30 बजे से मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि शिवरात्रि पर मध्याह्न भोग आरती दोपहर 12 से 12.30 बजे तक चलेगी। इसके अलावा चारों प्रहर की आरती का समय भी जारी किया गया है। प्रथम प्रहर की आरती रात 9.30 बजे से शुरू होगी। इस दौरान झांकी दर्शन चलता रहेगा। मुख्य आरती रात 10 बजे से शुरू होकर रात 12.30 बजे समाप्त होगी।
द्वितीय प्रहर की आरती नौ मार्च की रात 1.30 बजे से शुरू होकर 2.30 बजे तक समाप्त होगी। इस दौरान भी झांकी दर्शन जारी रहेगा। तीसरे प्रहर की आरती नौ मार्च की सुबह 3.30 बजे से 4.30 बजे तक होगी। चतुर्थ प्रहर की आरती सुबह 5.00 से 6.15 बजे तक चलेगी। इस दौरान झांकी दर्शन चलता रहेगा।