दोहरे मापदंड के तहत होता है नगर पंचायत ओबरा में कार्य, सपा समर्थित सभासदों के क्षेत्र में प्रोपोगेंडा तहत विकास ही विकास

Sonbhadra News: मंडल ब्यूरो चीफ चंद्रजीत सिंह की रिपोर्ट ओबरा,सोनभद्र।

ओबरा नगर पंचायत कार्यालयमें आधा दर्जन से ज्यादा सभासदों और प्रतिनिधियों ने नगर पंचायत अध्यक्षा के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर धरने पर बैठ गये है। इस दौरान अधिशासी अधिकारी से वार्तालाप करने पर भी बात नहीं बन पाई। सभासदों ने आरोप लगाया कि नगर पंचायत अध्यक्षा सिर्फ उसी वार्ड में काम करा रही हैं जहां सपा समर्थित सभासद जीतकर आए हैं। सभासदों का आरोप है कि सूबे में बीजेपी की सरकार होने पर एक बड़ा बजट नगर पंचायत ओबरा को मिलता है लेकिन सपा समर्थित नगर अध्यक्षा होने की वजह से उस बजट का दुरुपयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं कमिशन के चक्कर में नगर पंचायत क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट न लगाकर गांव स्थित रोड पर स्ट्रीट लाइट की सौगात दी जा रही है।
नगर के तमाम वादों को छोड़कर सपा समर्पित वार्ड सभासदों के वार्ड में काम हो रहा है। कुछ सभासदों को बुलाकर बैठक कर ली जाती है और बोर्ड की बैठक तक बुलाने की जहमत तक नहीं उठाई जा रही है। बिना बोर्ड के बैठक के करोड़ों का बजट पास हो जा रहा है। यहां तक की आचार संहिता में भी बजट पास होने की बात कहीं जारी है सभासदों की तरफ से। आरोप है कि नगर पंचायत के बजट से ही ग्रामीण क्षेत्रों में अंधेरे को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कई इलाकों में आज भी जनता अंधेरे में रहने को मजबूर है। आचार संहिता में बोर्ड बैठक करना और बजट का दुरुपयोग करना यह कतई बर्दाश्त नहीं होगा। चुनाव आयोग को भी इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए। कुल मिलाकर दिखाएगा तो नगर पंचायत अध्यक्षा के खिलाफ सरकार विरोधी रवैया अपनाने का आरोप सभासद लग रहे हैं। वही अधिशासी अधिकारी मधुसूदन जायसवाल ने कहा कि विकास कार्यों को लेकर सभासद बैठे है। सभी आरोपी को खारिज करते हुए कहा कि जन प्रतिनिधि होते है वो किसी के खिलाफ बोल सकते है। अगर आरोप लग रहा तो जांच होनी चाहिए जब भी जांच होगी जिला स्तर से ही होगी।

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