
निरंकारी मिशन द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में 196 श्रद्धालुओं ने किया महादान
स्वैच्छिक एवं निस्वार्थ सेवा मानवता के लिए वरदान है।
पत्रकार / सुशील कुमार सिंधी
डेरा बस्सी 16 जून , निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से स्थानीय निरंकारी सत्संग भवन में 20वां रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन (संत निरंकारी मिशन का सामाजिक विभाग) द्वारा आयोजित इस रक्तदान शिविर में 196 शरधालुओं ने रक्तदान कर इस महादान में भाग लिया।
इस शिविर का उद्घाटन चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ.पी. निरंकारी जी ने अपने कर कमलों से किया। इस अवसर पर श्री ओ.पी. निरंकारी जी ने कहा कि निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की शिक्षा है कि मानवता के कल्याण के लिए जो भी सेवा की जाए, वह समर्पण और निस्वार्थ भाव से की जानी चाहिए। जब रक्तदान जैसी सेवा स्वेच्छा एवं निस्वार्थ भाव से की जाती है तो ऐसी सेवा मानवता के लिए वरदान साबित होती है।
इस प्रकार की सेवा से सकून मिलता है। मानव रक्त का कोई विकल्प नहीं है। रक्तदान शिविरों का यह अभियान 1986 में सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज द्वारा शुरू किया गया था। यह रक्त कई जरूरतमंद लोगों को लाभ पहुंचाता है और मानव जीवन बचाता है। श्रद्धालु भक्त बड़े उत्साह और ख़ुशी से रक्तदान कर रहे हैं। उन्होंने इस शिविर में भाग लेने वाले रक्तदाताओं के स्वास्थ्य एवं खुशहाली की कामना की।
इस अवसर पर डेरा बस्सी की संयोजिका बहन गुरचरण कौर ने चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ.पी. निरंकारी जी, सभी रक्तदाताओं, गवर्नमेंट मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल सेक्टर-16 चंडीगढ़ की डॉ. नितिका के नेतृत्व वाली 12 सदस्यीय टीम और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सेक्टर-32 की डॉ. अर्पिता परमार के नेतृत्व वाली 11 सदस्यीय टीम का हार्दिक स्वागत व धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की असीम कृपा से सभी भक्त बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के उस कथन को चरितार्थ कर रहे हैं कि ‘मानव का रक्त नलियों में नहीं, नाड़ियों में बहना चाहिए।’ इस शिविर में श्री राजीव चोपड़ा जी ने 51वीं बार रक्तदान किया।