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झारखंड के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ मारपीट, इमरजेंसी सेवाएं बाधित

नरेश सोनी हजारीबाग संवाददाता।

झारखंड के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ मारपीट, इमरजेंसी सेवाएं बाधित: डॉक्टरों में आक्रोश, प्रदर्शन की तैयारी

मेडिकल कॉलेज में मृतक के परिजनों ने डॉक्टर को पीटा डॉक्टर को आई चोट, मारपीट में एक दांत भी टूटा

पुलिस ने मारपीट के मामले में दो आरोपियों को हिरासत में लिया

हजारीबाग – शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार को एक गंभीर घटना घटित हुई जब मृतक के परिजनों ने मेल मेडिकल वार्ड में राउंड लगा रहे असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सोमा उरांव पर हमला कर दिया। इस हमले में डॉ. उरांव को हल्की चोटें आईं और उनका एक दांत टूट गया। इस घटना के बाद अस्पताल के डॉक्टरों और इंटर्न छात्रों में गहरा आक्रोश फैल गया, जिसके परिणामस्वरूप इमरजेंसी सेवाओं को बंद कर दिया गया।

*घटना का विवरण*

शुक्रवार की सुबह टाटीझरिया के झरपो निवासी 70 वर्षीय गणेश राम को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई, जिसके बाद उनके परिजन उत्तेजित हो गए और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सोमा उरांव पर हमला कर दिया। डॉ. उरांव ने किसी प्रकार वार्ड से भागकर अपनी जान बचाई, हालांकि इस दौरान उनके एक दांत टूट गया और उन्हें चोटें भी आईं।

इस अप्रत्याशित घटना के बाद अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर और इंटर्न गुस्से में आ गए और मारपीट करने पर उतारू हो गए। स्थिति को काबू में लाने के लिए अस्पताल के अन्य कर्मियों ने हस्तक्षेप किया, जिसके बाद आरोपी को पकड़कर केंद्रीय इमरजेंसी के एक कमरे में बंद कर दिया गया।

*इमरजेंसी सेवाओं में बाधा, मरीजों को भारी परेशानी*

घटना के तुरंत बाद डॉक्टरों और इंटर्न छात्रों ने अस्पताल की इमरजेंसी सहित सभी सेवाओं को बंद करने का फैसला किया। इस फैसले के कारण अस्पताल की इमरजेंसी सेवाएं कई घंटों तक बाधित रहीं, जिससे इलाज के लिए आए मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

अस्पताल प्रबंधन और वरिष्ठ प्रशासकों की ओर से इस गंभीर स्थिति का संज्ञान नहीं लिया गया, जिसके कारण ओपीडी सेवाएं भी प्रभावित रहीं।

*पुलिस का हस्तक्षेप और आरोपियों की गिरफ्तारी*

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मारपीट के मामले में दो आरोपियों को हिरासत में लिया। सदर थाना प्रभारी सपन कुमार महथा ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ित डॉक्टर से मुलाकात की और उनसे शिकायत का आवेदन प्राप्त किया। पुलिस ने सभी संबंधित पक्षों को कानून का पालन करने और स्थिति को काबू में रखने की अपील की।

*डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन*

घटना के बाद अस्पताल के डॉक्टरों और इंटर्न छात्रों में जबरदस्त आक्रोश है। कल शनिवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सभी प्राध्यापक, डॉक्टर्स, एसआर, जेआर और इंटर्न मिलकर शहर में एक रैली निकालने की योजना बना रहे हैं। इस रैली का उद्देश्य शुक्रवार की घटना का विरोध करना और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की मांग करना है।

*अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल*

इस घटना ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल प्रशासन को तत्काल कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और छात्रों के बीच असुरक्षा की भावना गहरी हो गई है, और वे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल की मांग कर रहे हैं।

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं, या फिर ऐसे मामले बार-बार घटते रहेंगे? समय की मांग है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस मामले को गंभीरता से लें और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।

*निष्कर्ष*

इस घटना ने चिकित्सा जगत में एक बार फिर सुरक्षा और सम्मान की बहस को जन्म दे दिया है। डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी है, बल्कि सरकार और समाज का भी कर्तव्य है। यदि इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास की कमी हो सकती है, जो अंततः समाज के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।

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