भारतीय चिकित्सा संघ मुख्यालय की ओर से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कर्मचारियों के सुरक्षा की मांग किया है ।
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भारतीय चिकित्सा संघ (मुख्यालय)
17/08/2024
नई दिल्ली
भारत के माननीय प्रधान मंत्री जी
प्रधान मंत्री कार्यालय
दक्षिण ब्लॉक, रायसीना हिल,
नई दिल्ली
महोदय,
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त 2024 की सुबह एक युवा पोस्ट ग्रेजुएट चेस्ट मेडिसिन की छात्रा के साथ बर्बरता से बलात्कार और हत्या कर दी गई। यह घटना चिकित्सा जगत और देश के लिए भी सदमे की बात है।
15 अगस्त 2024 को एक बड़ी भीड़ ने अस्पताल को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें विभिन्न विभागों को नुकसान पहुंचाया गया, जिसमें पीड़िता के शरीर को रखा गया था।
चिकित्सकों को विशेष रूप से महिलाओं को पेशे की प्रकृति के कारण हिंसा का सामना करना पड़ता है। यह अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे अस्पतालों और परिसरों में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
आरजी कर, कोलकाता की घटना ने अस्पताल में हिंसा के दो पहलुओं को उजागर किया है: महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी के कारण एक बर्बर अपराध और सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी के कारण हिंसा का उत्पात।
अपराध और वेंडालिजिम् ने राष्ट्र के विवेक को झकझोर कर दिया है। देश भर के चिकित्सकों ने आज गैर-आपातकालीन सेवाएं वापस ले ली हैं और केवल आपातकालीन और कैसुअल्टी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
आईएमए ने निम्नलिखित समाधान और मांगें रखी हैं:
1- 2020 में महामारी रोग अधिनियम 1897 में संशोधनों को शामिल करते हुए “द हेल्थकेयर सर्विसेज पर्सनेल एंड क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स (प्रोहिबिशन ऑफ वायलेंस एंड डैमेज टू प्रॉपर्टी बिल 2019)” का एक केंद्रीय अधिनियम मौजूदा 25 राज्य कानूनों को मजबूत करेगा।
1. सभी अस्पतालों के सुरक्षा प्रोटोकॉल हवाई अड्डे के समान होने चाहिए। अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्रों के रूप में घोषित करना और सुरक्षा हकदारी को अनिवार्य बनाना पहला कदम है। सीसीटीवी, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल इसके बाद हो सकते हैं।
2. पीड़िता की 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट और सुरक्षित स्थानों की कमी और पर्याप्त आराम कक्षों की कमी के कारण निवासी चिकित्सकों के कार्य और जीवन की स्थितियों की पूरी तरह से समीक्षा की जानी चाहिए।
4- अपराध की मेटिकुलस और पेशेवर जांच समयबद्ध ढंग से और न्याय की पेशकश की जानी चाहिए।
5- पीड़ित परिवार को क्रूरता के अनुसार उपयुक्त और गरिमामय मुआवजा दिया जाना चाहिए।
हमें प्राप्त इंग्रजी भाषा सूचना को यथा संभव हिंदी अनुवाद करके सार्वजनिक करने के लिए प्रयत्न किया गया है । संवाददाता: ब्यूरो चीफ पुरुषोत्तम पात्र, केन्दुझर (ओडिशा)