50 सैया का एकीक्रित आयूस चिकित्सालय लोढ़ी मरीजों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा
अस्पताल में 50 बेड में से किसी भी बेड पर भर्ती मरीज नहीं मिले
सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
सोनभद्र। करोड़ों की लागत से निर्मित 50 सैया का एकीक्रित आयूस चिकित्सालय लोढ़ी मरीजों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। इस अस्पताल में मरीजों को न तो जरूरत की दवाएं मिल पा रही हैं और न ही सुविधाएं। लोगों की शिकायत पर शुक्रवार को कुछ पत्रकार उक्त अस्पताल पर जाकर तहकीकात किए तो भौचक रह गए।
गौरतलब है कि इस अस्पताल में 50 बेड में से किसी भी बेड पर भर्ती मरीज नहीं मिले। सिर्फ इक्का दुक्का मरीज ही अस्पताल की पर्ची पर दवा लिखवाते मिले। इस अस्पताल में तैनात कर्मचारियों एवं चिकित्सकों की संख्या भी नगण्य रही। अस्पताल की पर्ची बनाने वाले काउण्टर पर तीन कर्मचारी नजर आए। इस अस्पताल का नजारा देख कर पत्रकार जब चिकित्सा अधीक्षक के कक्ष में गए तो वह मौजूद मिले। वहां पर सूगर की दवा मांगने पर चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि नहीं है। फिर पेट में गैस बनने, दर्द होने आदि की दवा मांगी गई तो उन्होंने कहा कि हमारे अस्पताल में आयुर्वेदिक आवश्यक दवाओं का अभाव है। किसी तरह से यूनानी दवा से काम चलाया जा रहा है। इस अस्पताल में लखनऊ से दवाएं आती है। लखनऊ दवाओं के लिए तीन बार पत्र हम लिख चुके हैं। उम्मीद है कि आगामी सितंबर माह में लखनऊ विभागीय स्टोर से इस अस्पताल को आयुर्वेद की सभी आवश्यक दवाएं लिए तीन बार पत्र हम लिख चुके हैं। उम्मीद है कि आगामी सितंबर माह में लखनऊ विभागीय स्टोर से इस अस्पताल को आयुर्वेद की सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध हो जाएंगी। चिकित्सा अधीक्षक से यह पूछे जाने पर कि इस अस्पताल में कितने चिकित्सक और कर्मचारी की तैनाती है। उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में आउट सोर्सिंग से सात चिकित्सक और 34 कर्मचारियों की तैनाती है। सिर्फ शासन से हमारी तैनाती है। इसके अलावा यहां पर सभी चिकित्सक एवं कर्मचारी संविदा पर तैनात हैं। उनसे जब यह सवाल किया गया कि मौके पर आज इस अस्पताल में आधा से भी कम स्टाफ नजर आ रहे हैं तो वह खामोश रहने में ही हित समझा। काबिले गौर मसला तो यह है कि चिकित्सा अधीक्षक को जब पता चला कि उनसे सवाल करने वाले पत्रकार हैं तो तत्काल उन्होंने अपना रंग बदल दिया। कहा कि लखनऊ से दवा आने के बाद हम आप लोगों को बगैर अस्पताल की पर्ची के भी आवश्यक दवाएं उपलब्ध करवाते रहेंगे। इसके बाद उन्होंने बगैर पर्ची के ही दो पत्रकारों को दो डिब्बी ताकत की दवा दिला दिया। लोगों ने जिलाधिकारी से उक्त अस्पताल का औचक निरीक्षण कर वहां पर तैनात चिकित्सक एवं कर्मचारियों की तहकीकात कर दवा के स्टोर रूम की जांच करवाने की मांग की है जिससे वहां पर उपचार करवाने के लिए प्रति दिन जाने वाले मरीजों को शासन की मंशा के अनुरूप लाभ मिल सके।