बीकानेर के पांचू निवासी जवान रामस्वरूप कस्वां को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर रविवार पांचवें दिन भी धरना-प्रदर्शन जारी है। हालांकि रविवार सुबह नेशनल हाईवे-11 खोल दिया गया है। परिजनों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट घेराव की चेतावनी दी है। शनिवार रात 12 बजे तक करीब एक हजार लोग धरना स्थल म्यूजियम सर्किल (NH-11) पर जुटे थे। शनिवार को धरने में पहुंचे नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि सारी मांगें सरकार के सामने रख दीं, अब तो लाठी-भाटा हो सकता है।
बेनीवाल कल दोपहर बीकानेर पहुंचे थे। वे म्यूजियम सर्किल पहुंचे और जवान के भाई श्रीराम कस्वां से बात की। रात 12 बजे तक बेनीवाल वहीं रहे।
बता दें कि बीकानेर के जवान रामस्वरूप कस्वां (24) की 25 सितंबर को अनंतनाग में गोली लगने से मौत हुई थी। प्रारंभिक तौर पर सामने आया था कि ऑन ड्यूटी फायरिंग के दौरान जान गई, जिसे बाद में सुसाइड बताया गया। अब परिवार शहीद का दर्जा देने समेत अन्य मांग कर रहा है। शव अब तक मिलिट्री कैंट एरिया (बीकानेर) में स्थित सरकारी अस्पताल में ही रखा हुआ है।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कल दो बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह से बातचीत की। डेढ़ घंटे तक प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग भी हुई। लेकिन सहमति नहीं बन सकी।
देर रात करीब 12 बजे जब प्रशासन से वार्ता विफल हो गई तो बेनीवाल ने कहा- हमने सारी मांगें कर ली, प्रशासन नहीं मान रहा है। अब लाठी-भाटा हो सकता है।
जिन मांगों को लेकर प्रशासन और कस्वां परिजनों के बीच ठनी हुई है, वह अंतिम संस्कार से पहले सेना की ओर से दिया जाने वाला गार्ड ऑफ ऑनर है। प्रशासन का कहना है कि शहीद का दर्जा मिलने तक गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जा सकता।
परिजन इस बात पर सहमत हैं कि सेना नहीं कर सकती है तो पुलिस ही ये काम कर दे। जिला प्रशासन के अधिकारी इसके लिए भी तैयार नहीं हैं। कस्वां के शव को तिरंगे में लपेटकर अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाने पर सहमति बनी लेकिन गार्ड ऑफ ऑनर (हवा में फायर करना) नहीं करने पर दोनों पक्षों में फिर से ठन गई।
आंदोलन से जुड़े नेता भी स्वीकार कर रहे हैं कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के बाद ही कस्वां को शहीद का दर्जा मिल सकता है। इस मांग पर परिजन व आंदोलनकारी नेता प्रशासन के साथ खड़े हो रहे थे लेकिन गार्ड ऑफ ऑनर की बात नहीं मानने के बाद अब एक बार फिर शहीद का दर्जा देने पर ही शव लेने की बात पर अड़ गए।