सोनभद्र समाचार ब्यूरो चीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
सोनभद्र। स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह में वीरांगना रानी दुर्गावती की 500 वी जयंती समारोह का आयोजन शनिवार को सेवा भारती समिति के द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम अपनें निर्धारित समय 2 बजे से प्रारंभ हुआ सर्वप्रथम रानी दुर्गावती के चित्र पर मुख्य अतिथि पुष्पराज सिंह विभाग संचालक सीधी मुख्य वक्ता प्रकाश उईके पूर्व न्यायाधीश और विहिप के केन्द्रीय मंत्री अमरीश ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया अपने संबोधन में मुख्य वक्ता और मुख्य अतिथि ने कहा कि रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 में कालिंजर दुर्ग में चंदेल राजा कीरतपाल के यहां हुआ था बचपन से ही होनहार रही और युद्ध की कला में निपुण होने लगी 1548 में पिता की मृत्यु हो गई और उनका अंतिम संस्कार मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के पहाड़ी पर किया गया।और उसके पश्चात रानी दुर्गावती ने राज्य की जिम्मेदारी सम्भाली दुर्गावती का छोटा भाई वीर नारायण भी था। उसके पश्चात अकबर ने महारानी दुर्गावती को संदेश भेजा कि वह अपने महामंत्री आधार कायस्त और मान ब्राह्मण और श्रवण हाथी को मुझे दे दो नही तो मुझसे युद्ध करना पड़ेगा। लेकिन रानी ने युद्ध स्वीकार किया और छोटी सेना लेकर अकबर के सेनापति असफ खां से युद्ध किया और दुश्मन के हाथ न पकड़े जाये और अपने खंजर से स्वयं को समाप्त कर वीरगति को प्राप्त हुई । 24 जून 1565 युद्ध उसके पश्चात अकबर ने दलपत शाह के छोटे भाई चन्द्र शाह को गढ़ा मंडला जो जबलपुर जिले में मौजूद था वहां का राजा बना दिया। और रानी दुर्गावती का साम्राज्य समाप्त हो गया। कार्यक्रम में आर्यन स्कूल और विन्ध कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने रानी दुर्गावती पर नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया और सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया सेवा भारती के अध्यक्ष विजय जैन चित्रा जालान, रूबी प्रसाद, अंजलि विक्रम,अवध,नीरज ,शिव प्रकाश, डॉ धर्मवीर तिवारी, शीतल सिंह, गंगासागर दुबे, कृष्ण मुरारी आदि लोगों की उपस्थिति रही।