अदालत का मानवीय रुख

अदालत का मानवीय रुख..!

ऐसा हर दौर में होता है कि किसी व्यक्ति के पास जब सत्ता होती है तो वह मनमानी करने लगता है!अहंकार में वह अनेक गलत निर्णय लेता है!बाद में वही निर्णय उसी का अहित करते हैं!कुछ राज्यों में अपराधियों में भय पैदा करने के लिए उनकी बहुमंजिला इमारतें और कई मकान गिरा दिए गए!इनमें कुछ राजनीतिक विरोधी भी थे!बाद में अदालत ने किसी के भी घर को गिराने के फैसले को अवैध करार दिया! अदालत का निर्णय आने के बाद से राज्य में इमारतों को ध्वस्त करने का अभियान रुक गया है!सत्ता पक्ष के लोग घरों को ध्वस्त करने को बेशक सही कहें,लेकिन अपराधियों पर कार्रवाई करने के और भी तरीके हैं!सवाल है कि क्या दहशत फैलाने के लिए किसी के घर को गिराना उचित है!उनसे पूछिए जो मकान बनाने के लिए अपने पूरे जीवन की कमाई इसमें लगाते हैं ताकि कुछ पल सकून के मिलें!भला उस पर क्या गुजरती होगी जो अपने सामने ही अपना आशियाना गिरते देखता है!अदालत ने मानवीय रुख अपना कर जो निर्णय किया है, वह उचित है।

रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़

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