सदर तहसीलदार पर अधिवक्ताओं ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

सदर तहसीलदार पर अधिवक्ताओं ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय

 

तहसील परिसर में विरोध प्रदर्शन कर मंडलायुक्त को सौंपा ज्ञापन, जांच की मांग

 

सोनभद्र। सदर तहसीलदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अधिवक्ताओं ने शनिवार को तहसील परिसर में विरोध प्रदर्शन कर मंडलायुक्त विंध्याचल मंडल को ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ता मनीष कुमार चतुर्वेदी, विनोद शुक्ला ने आरोप लगाते हुए बताया कि सदर तहसीलदार के इशारे पर उनके अधिनस्थ कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। बताया कि तहसीलदार के न्यायालय में पैसों के दम पर वादों का निस्तारण किया जा रहा है, जिसकी बानगी कई फाइलों में जांची जा सकती है। दानपत्र अथवा वैनामा के आधार पर दाखिल-खारिज के मामलों में तहसीलदार कार्यालय द्वारा सव रजिस्टार कार्यालय से प्राप्त अभिलेखों का मुकदमा दर्ज कर इश्तेहार तब तक जारी नहीं किया जाता, जब तक संबंधित पक्षकार स्वयं अथवा अधिवक्ता के माध्यम से कार्यालय में जाकर 500 से 1000 संबंधित वावू को न दे दें। इसके बाद आदेश के नाम पर साधारण पत्रावली में भी 10 हजार से 20 हजार रुपए तक की मांग की जाती है।

 

भवन मानचित जोकि मास्टर प्लान द्वारा स्वीकृत किये जाने से पूर्व तहसील से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जाता है, वह भी तब तक नहीं दिया जाता, जब तक आवेदक तहसीलदार कार्यालय में आकर अवैधानिक धन नहीं दे देता। अविवादित पत्रावली में आदेश दर्ज करने में अनावश्यक विलम्व तहसीलदार के कहने पर किया जाता है तथा जानबुझकर कुछ पत्रावली अपने न्यायालय में रखी जाती है, जिससे ज्याद से ज्यादा वसूली की जा सके। विवादित पत्रावलियों के निपटारे के लिए तहसीलदार द्वारा 50 हजार से पांच लाख रुपए तक की मांग की जाती है। अधिवक्ताओं ने मंडलायुक्त को शिकायती पत्र देकर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग किया है। इस मौके पर सोनभद्र वार एसोसिएशन के महामंत्री राजीव सिंह, ओमप्रकाश पाठक, विनोद शुक्ल, मनीष कुमार चतुर्वेदी, योगेश द्विवेदी, राजेंद्र पाठक, तापेश्वर मिश्र, पंकज सिंह, अखिलेश पांडेय, मंटू मिश्रा, पंकज सिंह यादव आदि मौजूद रहे।

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