
अपनी यूनिटी अच्छी है तो ब्लैक फंगस व्हाइट फंगस येलो फंगस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हमें सतर्क रहना है . आसिया फारूकी शिक्षिका*
कोरोना महामारी के चलते आज हम अनेक बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। अपने स्कूल के कार्यक्रम में आसिया फारूकी शिक्षिका के द्वारा बच्चों के साथ करो ना वा नया ब्लैक फंगस से हर तरफ आज बीमारी का दर्द फैला हुआ है समस्त देशवासियों को कोरोना ने कोरौना के बाद फंगस को भी लेकर डर फैला हुआ यह ब्लैक फंगस क्या है ,जो डर का माहौल है ,एक नई महामारी है, आखिर ब्लैक फंगस क्या है, लेकिन आप जानतेबीमारी।मे एक स्वस्थ आदमी को डरने की जरूरत नहीं है, हां यह फंगस एक स्वस्थ आदमी को नहीं नुकसान पहुंचा सकता, यह कडो से दूसरी कानों नाक आंख के जरिए फेफड़ों तक अटैक तो करता है, यह 10 राज्यों में महामारी घोषित किया जा चुका है एक तरह की फफूंद है, जो पुराने हो जाने पर फंगस लग जाता है, अलमारी में नमी को लेकर फंगस लग जाता है ।वैसे यह फंगस जहां पर नमी होते हैं वहां पर मौजूद है, बस हमें बचने की जरूरत है ,स्वस्थ रहने की जरूरत है, अपनी यूनिटी को डाउन नहीं करना है ,अगर आप स्वस्थ व्यक्ति हैं आपकी यूनिटी अच्छी है तो आपके शरीर पर अटैक नहीं करेगा ।हमें धूल वाली इलाके में परहेज करना होगा, घर से निकलने से पहले मास्क लगाने जूता मोजे पहने और नमी वाली जगह में नहीं जाए। और जब करो ना हो जाए यदि तो हमें कम से कम 6 वीक दूरी बना कर रखना है, घर से नहीं निकलना है, निराशाजनक माहौल से बचना होगा सिर्फ यही सोचने की बात है, तब ब्लैक फंगस,वाइट फंगस, यलो फंगस आ गया है, अब क्या होगा कुछ कुछ हासिल नहीं होगा, हमें छोटी-छोटी खुशबू की प्रति आभार व्यक्त करना है, अच्छा खाए पिए रहे अच्छे परिवार के साथ हैं, और दोस्तों के साथ बात करें इन सभी चीजों का हमें आभार करना होगा संतुष्टि का अभाव पैदा करना होगा ,कि मानसिक संतुष्टि को बेहतर बना सके दो जिंदगी हमारी है, जो बेहतर सब मजाक बना ले असमंजस बना ले तो कुछ बात है।