
नरेश सोनी हजारीबाग संवाददाता
राजनीति विज्ञान विभाग ने संविधान दिवस पर विशेष कार्यक्रम का किया आयोजन
हजारीबाग:विनोबा भावे विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग में संविधान दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम का संचालन तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी कुमार विषेक विद्यार्थी और सोनल सिंह ने की इस आयोजन में शिक्षक, प्रथम सेमेस्टर के छात्र और तृतीय सेमेस्टर के छात्र उपस्थित थे संविधान दिवस के अवसर पर शिक्षक और 13 वक्ताओं ने अपना अलग-अलग बिंदुओं पर विचार रखा तृतीय सेमेस्टर से 2 विद्यार्थियों ने संविधान दिवस पर अपना विचार रखें तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी वीरेंद्र शर्मा ने बतलाया कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में 26 नवंबर 1949 का दिन बेहद यादगार और ऐतिहासिक था। यही वह दिन था जब भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था। भारत ने अपने संविधान को अपनाया था। इसी दिन की याद में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। सोनल पांडे ने बतलाई की भारत के संविधान को संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को अपनाया और यह 26 जनवरी, 1950 को प्रभावी हुआ। और उन्होंने काफी अच्छे तरीके से संविधान के बारे में बताया और सेमेस्टर वन से 11 विद्यार्थियों रिया कुमारी, सोनी कुमारी,प्रियंका कुमारी,पिंटू रजक, संतोष यादव ,नैना कुमारी, कृष्ण कुमार, किरण कुमारी, शाहगुप्ता कुमारी, सूर्यकांत ने अपना विचार रखे सभी ने एक-एक करके क्रमबद्ध तरीके से अपने विचार को रखा और कई शिक्षकों ने भी संविधान दिवस पर अपने विचार रखें राजनीतिक विज्ञान विभाग के विभागअध्यक्ष सुकल्याण मोइत्रा ने बतलाया कि भारतीय संविधान पूरी तरह से हाथ से बनाया और लिखा गया है। संविधान के प्रत्येक पृष्ठ को कलाकृतियों से सुसज्जित करके नंदलाल बोस द्वारा डिजाइन किया गया है। न्याय समानता स्वतंत्रता बंधुत्व सुनिश्चित किया है जो भारत के शासन के मूल सिद्धांत है रुखसाना बानो ने बतलाई की इस बार का संविधान दिवस कुछ खास है। संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर केंद्र व राज्य सरकारें कई तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं। बड़े स्तर पर संविधान दिवस का जश्न मनाया जा रहा है। हमारा संविधान- हमारा स्वाभिमान अभियान चलाया जा रहा है। महेंद्र कुमार पंडित ने बतलाया कि आज हम भारत के जिस संविधान पर गौरव का अनुभव करते हैं, उसके निर्माण में डॉ. बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के कुशल नेतृत्व एवं विचारों की अमिट छाप है। उन्होंने संविधान बनाते समय यह सुनिश्चित किया कि समाज की अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति भी राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे सकें। सरल भाषा में संविधान को बताना है तो यह ‘भारतीयों के गौरव तथा भारत की एकता’ इन दो मूल मंत्रों को साकार करता है। रवि कुमार विश्वकर्मा ने बतलाया कि संविधान की मूल पांडुलिपि 16×22 इंच के चर्मपत्र पर लिखी गई थी। अनुमान है कि इसका जीवनकाल लगभग एक हज़ार साल था। और संविधान का कुल वजन 3.75 किलोग्राम था। भारतीय संविधान का नाम संयुक्त राज्य अमेरिका से लिया गया है। तथा इसकी स्थिति और कार्य ब्रिटिश संविधान से लिए गए हैं। उसके बाद लास्ट में शपथ समारोह का आयोजन किया गया शपथ समारोह डॉक्टर अजय बहादुर सिंह ने करवाया और प्रथम सेमेस्टर और तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक संविधान दिवस पर भाग लिया संविधान दिवस के अवसर पर कई शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे राजनीति विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष सुकल्याण मोइत्रा ,डॉ अजय बहादुर सिंह, रुखसाना बानो , महेंद्र पंडित,रवि कुमार विश्वकर्मा और तृतीय सेमेस्टर के छात्र एवं प्रथम सेमेस्टर के छात्र उपस्थित थे