ब्यूरो चीफ सुन्दरलाल जिला सोलन,
पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय सुबाथू में संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर विद्यालय में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई ।कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती आशा चौधरी ने की। कक्षा ग्यारहवीं की मिशैल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में 26 नवंबर 1949 का दिन बेहद यादगार और ऐतिहासिक था। यही वह दिन था जब भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था। इसी दिन भारत ने अपने संविधान को अपनाया था। इसी दिन की याद में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। कक्षा ग्यारहवीं की शिवानी ने संविधान दिवस की उद्देशिका प्रस्तुत की।मानविकी संकाय की रिशीता ने संविधान दिवस पर भाषण दिया जिसमें भारतीय संविधान की विशेषताओं को उजागर किया। रूपल ने मौलिक कर्तव्य तथा सौम्या ने मौलिक अधिकारों से सभी को अवगत करवाया।
स्नातकोत्तर भूगोल अध्यापक श्री सुनील कुमार भाटीवाल ने भारतीय संविधान की विशेषताओं को उजागर करते हुए विद्यार्थियों को बताया कि यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। यह संघीय होने के साथ-साथ कुछ एकात्मक विशेषताएं भी रखता है। इसमें कठोरता और लचीलेपन का मिश्रण है।भारत के संविधान में आपातकाल के समय के अधिकारों के संबंध में प्रावधान यूरोपीय देश जर्मनी के संविधान से लिए गए हैं। भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों के प्रावधान रूस से और भारत की संसदीय शासन प्रणाली ब्रिटेन से प्रेरित है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्या श्रीमती आशा चौधरी ने संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव आंबेडर को श्रद्धांजली दी और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की जिन्होंने विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान दे कर भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया। प्राचार्या महोदया ने बाबा साहब के जीवन के प्रेरक प्रसंग सुना कर विद्यार्थियों को संविधान में वर्णित महत्वपूर्ण बिंदुओं को अपने व्यक्तिगत जीवन में व्यावहारिक रूप से अनुपालन करने के लिए प्रेरित किया।
11 बजे सभी अध्यापकों तथा विद्यार्थियों ने संविधान उद्देशिका को पढ़ा तथा अपने संवैधानिक कर्तव्यों के निर्वहन की शपथ ली।