बीकानेर में न्यूनतम तापमान तो 8.5 डिग्री सेल्सियस पर है लेकिन गांवों में जम रही बर्फ

बीकानेर में न्यूनतम तापमान तो 8.5 डिग्री सेल्सियस पर है लेकिन गांवों में जम रही बर्फ कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। बीकानेर के चूरू से सटे गांवों में तापमान इतना कम हो चुका है कि खेत में डाला गया पानी सुबह बर्फ के रूप में दिखता है। इतना ही नहीं बाइक और कार पर जमा होने वाली ओस भी अब बर्फ बन रही है। उधर, मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिन तक बीकानेर में कोहरा नहीं पड़ने की चेतावनी जारी की है।

बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ के गांव मोमासर और देराजसर के पास स्थित गांव गोपालसर से बर्फ जमने की तस्वीरें सामने आ रही है। गोपालसर गांव में किसानों ने रात में खेत में पानी दिया था, सुबह उठते ही देखा तो ये पानी बर्फ हो गया। माना जा रहा है कि यहां न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। खेत में दूर तक सफेद चादर नजर आ रही है। पौधों की पत्तियों पर भी सफेद चादर दिख रही है। सुबह सात बजे तक बर्फ जमी रही, धूप खिलने के बाद ही सफेदी उतरनी शुरू हुई। उधर, श्रीडूंगरगढ़ के मोमासर व आसपास के गांवों में भी सर्दी ने जन जीवन प्रभावित किया है। यहां आडसर गांव के शिक्षक मनोज लखारा ने दैनिक भास्कर को बताया कि पिछले कई दिनों से सुबह पानी बर्फ के रूप में मिल रहा है। खासकर वाहनों पर जमा हुई ओस बर्फ का रूप ले रही है। सुबह जल्दी वाहनों का उपयोग करने वालों को खुरच कर बर्फ हटानी पड़ रही है।

उधर, मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि बीकानेर में आने वाले दो-तीन दिन तक कोहरा नहीं पड़ेगा। बीकानेर के निकटवर्ती जिलों हनुमानगढ़, चूरू व श्रीगंगानगर में कोहरा होगा। बीकानेर में कोहरा नहीं होने से किसानों के चेहरे पर मायूसी है। श्रीडूंगरगढ़ के मोमासर निवासी सत्येंद्र राजवंशी का कहना हे कि कोहरा नहीं पड़ने से खेत में किसान निराश है। फसलों के लिए कोहरा कुछ हद तक लाभदायी है लेकिन फिलहाल कोहरा नहीं होने से नुकसान हो रहा है।

 

सत्येंद्र राजवंशी, ब्यूरो चीफ बीकानेर

Leave a Comment