रिपोर्टर , विनोद तिवारी
शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर में इन दिनों सरपंच सचिव एवम उपयंत्रियो की मनमानी सतत जारी है,जिसकी सम्पूर्ण जवाबदेही वर्तमान मुख्यकार्यपालन जनपद पंचायत जयसिंहनगर की क्योंकि कहावत है की जब सैयां भय कोतवाल तो डर काहे का , कहावत चरितार्थ होता हुआ प्रतीत हो रहे हैं,इन दिनों जनपद पंचायत की बागडोर अशोक मरावी के हाथों में है जो दोहरे पदों पर आसीन है ,जिससे जनपद पंचायत के अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी निरंकुश एवम आराजक होकर प्रजा हितों का गला घोट रहे हैं,ऐसा है ताजा मामला ग्राम पंचायत करकी है ,जहा पर रीवा शहडोल मुख्य मार्ग के किनारे एक स्थानीय गरीब परिवार जीवन बसर के उद्देश्य से ठेला संचालित कर रखा था,जो ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों को नागवारा गुजरा एवम उक्त गरीब ग्रामीण के ठेले को चार दिवारी के अंदर कैद करा दिया जीविकोपार्जन को कैद होता देख गरीब परिवार शासन प्रशासन को दरख्वास्त देता रहा लेकिन मूकदर्शक बना प्रशासन ने उक्त गरीब की दरख्वास्त पर गंभीरता नहीं दिखाई,एवम परिवार के भरण पोषण पर संकट के बादल मंडराने लगे ,वही जब इस मामले को लेकर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मीटिंग का बहाना बना कर ,खुद को मामले से दूरियां बना ली लेकिन एक ओर केंद्र एवं राज्य की सरकार आम आदमी को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सतत प्रयास कर रही है वही सरकार के करिंदो के द्वारा अमानवीयता का प्रदर्शन करते हुए गरीबों का निवाला छीन रहे हैं,आखिर विकास कार्यों पर किए जाने वाली धन राशि को द्वेष भावना से ग्रसित निर्माण कार्यों पर व्यय करने की अनुमति किन नियमों के तहत प्रदान कर दी गई , जिम्मेदारो के पास नहीं है माकूल जवाब,तभी तो सचिव से लेकर मुख्यकार्यपालन अधिकारी ने भी मीडिया से दूरियां बना कर खुद को मामले से अनभिग्यता जताने का नाकाम कोशिश कर रहे हैं,