पैसेंजर ट्रेनों की सुविधाओं से वंचित तल्हेडी बुजुर्ग क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोग
ट्रेनों के अभाव में प्राईवेट बसों में सफर करने के लिए मजबूर हुए क्षेत्रवासी
ट्रेनों का संचालन कराने में क्षेत्र के राजनीतिक ओर किसान संगठनो के पदाधिकारी भी हुए विफल
तल्हेडी बुजुर्ग। पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बंद होने के कारण दर्जनों गांवों के लोग ट्रेनों की सुविधाओं से वंचित हैं।
कोरोना त्रासदी व रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण के बाद तल्हेड़ी बुजुर्ग रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बंद हो गया था। जबकि तल्हेड़ी बुजुर्ग कस्बे में दो डिग्री कालेज, पांच इंटर कालेज, चार बैंक शाखाएं और दर्जनों गांव सम्मिलित हैं। इनमें कार्यरत कर्मचारी, व्यापारी वर्ग और मजदूर वर्ग के लोग ट्रेनों से आवागमन करते थे. लेकिन पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव ना होने के कारण उन्हें प्राइवेट बसों में भारी भरकम धनराशि खर्च कर मजबूरन सफर तय करना पड़ रहा है।
तल्हेडी व्यापार मंडल के अध्यक्ष मास्टर सईद अहमद त्यागी ने बताया कि ट्रेनों का संचालन बंद होने से व्यापारी प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि सुबह 5 बजकर 50 मिनट पर एक पैसेंजर ट्रेन तल्हेड़ी स्टेशन पर रुकती है, जबकि हरिद्वार से दिल्ली जाने वाली गाड़ी नंबर 14304 का सुबह 11 बजे और कालका से दिल्ली जाने वाली 14332 नंबर गाड़ी का दोपहर के समय तम्हेड़ी बुजुर्ग को छोड़कर नागल और देवबंद दोनों जगह ठहराव होता है।
इसके आलावा भाजपा के पूर्व नागल मंडल महामंत्री विपिन आर्य का कहना। है कि मार्च में केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी कुमार वैष्णव सहारनपुर दौरे पर आए थे, तभी उन्हें बंद पड़ी ट्रेन व्यवस्था को पुनः संचालित कराने के लिए ज्ञापन दिया गया था, लेकिन उसका परिणाम भी ढाक के तीन पात ही निकला है।
भाकियू टिकैत के पूर्व जिलाध्यक्ष राजपाल चौधरी का कहना है कि हमने तल्हेड़ी रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को दोबारा संचालित कराने के लिए रेलवे स्टेशन मास्टर को लिखित ज्ञापन सौंपा था, लेकिन कुछ नहीं हो सका। विगत तीन माह पूर्व स्थानीय भाजपा विधायक देवेंद्र निम नागल क्षेत्र के गांव सरसीना में सदस्यता अभियान के लिए पहुंचे थे, जहां लोगों ने तल्हेड़ी बुजुर्ग रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव कराने की मांग की थी।उन्होंने ग्रामीणों को जल्द से जल्द ट्रेनों को संचालित कराने का आश्वासन दिया था, जो अभी तक फलीभूत नहीं हुआ है।
सहारनपुर जिला अधिकारी मनीष बंसल से हुई बातचीत में उन्होंने बताया किभारत सरकार या रेल मंत्रालय ही इस विषय पर निर्णय ले सकता है।
रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़