यमुना नगर से
ब्यूरो चीफ
संदीप गाँधी
की रिपोर्ट
भगवान श्रीकृष्ण की जन्म स्थली मथुरा-वृंदावन की पवित्र नदी आज संकट में है। उसकी दूषित जल धारा प्राकृतिक सौंदर्य को बल्कि जलीय प्राणियों को भी लुप्त कर रही है। एक समय था जब देश-विदेश से लोग और अप्रवासी पक्षी यहाँ भ्रमण करने आते थे परन्तु आज यमुना के अधिकांश तट वीरान हैं।
आज हम खड़े हुए यमुनानगर के प्रमुख घाटों में से एक शनि देव मंदिर के सामने वाले घाट पर वहाँ हमारी मुलाकात हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संजय मित्तल से जो मां यमुना बचाओ समिति के संयोजक भी हैं उनका मन बहुत ही व्यथित नजर आया उन्होंने हरियाणा के यमुना नगर में ही प्रदूषित होने पर गहरी चिंता जताई और प्रदेश सहित केन्द्रीय सरकार से चैनल के माध्यम से मांग की कि कम से कम उस शहर में तो सीवरेज का मलयुक्त गंदा पानी यमुना जी में मत डालें
जिस शहर का नामकरण यमुना नहर के कारण रचा गया है।
काश कोई प्रावधान होता तो वह कैमरे पर दिखा पाते कि इस यमुना मैया से इस वक्त दुर्गंन्ध कितनी अधिक आ रही है।
लोंगो की आस्था जिन नहरों और नदियों की पवित्रता में सर्वाधिक है उन प्रदेशों की सरकारों को ईमानदारी से श्रद्धालुओं की आस्था को बरकरार रखने के भरसक प्रयास करने चाहिए।
संजय मित्तल का कहना है कि पिछले कुछ सालों में करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के उपरांत भी यमुनानगर में ही यमुना नहर की स्थिति दयनीय है तो ऐसे में जनता तो जनता स्वंय भगवान भी नाराज हो जाएंगें क्योंकि सरकारें सच्चाई छिपा रहीं हैं और वास्तविकता कुछ और ही है
महेंद्र मित्तल और विपिन गुप्ता ने कहा कि पवित्र नहरों को स्वच्छ रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और जन प्रतिनिधियों को अपनी जनता को नाराज नहीं करना चाहिए।
यमुना नगर से संवाददाता संदीप गाँधी की विशेष रिपोर्ट