नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो हजारीबाग
बड़कागांव में अवैध बालू खनन का खेल जारी, रोजाना करोड़ों की उगाही से जनता त्रस्त
हजारीबाग : अवैध बालू खन
न और परिवहन का खेल बड़कागांव में धड़ल्ले से जारी है। हर दिन रात 2 बजे से ही नदी से अवैध रूप से बालू निकालने का काम शुरू हो जाता है। रात 3 बजे तक ट्रैक्टरों और हाईवा में लोडिंग पूरी हो जाती है, जिसके बाद यह बालू तीन अलग-अलग थानों की सीमाओं से होकर शहर के विभिन्न निर्माण स्थलों, फ्लैट्स और ऑर्डर वाली जगहों पर तड़के 4 से 5 बजे के बीच उतार दिया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, बड़कागांव से हर दिन करीब 300 ट्रैक्टर और 50 हाईवा अवैध रूप से बालू लेकर निकलते हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस अवैध कारोबार के बावजूद तीन थाना क्षेत्र से होकर यह वाहन बेरोकटोक कैसे गुजर जाते हैं? यह सवाल स्थानीय जनता और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है।
बालू की कीमतों में भी भारी हेरफेर किया जा रहा है। बाजार में सामान्य रूप से 1,000 रुपये प्रति ट्रॉली मिलने वाला बालू अब 6,000 रुपये में बेचा जा रहा है, जबकि एक हाईवा बालू जिसकी सामान्य कीमत 12,000 रुपये होनी चाहिए, उसे 25,000 रुपये तक बेचा जा रहा है। इस अवैध धंधे से प्रतिदिन करोड़ों की उगाही हो रही है, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है।
रोजाना करोड़ों की अवैध कमाई, आखिर जिम्मेदार कौन?
बालू कारोबार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस गोरखधंधे को सिर्फ तीन लोग मिलकर ऑपरेट कर रहे हैं। वे पूरी पासिंग की जिम्मेदारी लेते हैं और खुलेआम दावा करते हैं कि “हम अधिकारियों को ट्रांसफर कराकर लाए हैं, हमें कोई नहीं रोक सकता।”यह बयान प्रशासनिक तंत्र की नाकामी और मिलीभगत को उजागर करता है।
100 करोड़ के राजस्व नुकसान का आरोप, लोकसभा प्रत्याशी ने सरकार से की शिकायत
अवैध बालू खनन से सरकार को भी भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए भूतपूर्व लोकसभा प्रत्याशी अभिषेक कुमार ने डीजीपी, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीएफओ और डीएमओ को शिकायत भेज दी है। उन्होंने इस अवैध कारोबार को रोकने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि इसके कारण सरकार को हर साल 100 करोड़ रुपये तक के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
जनता त्रस्त, प्रशासन मौन
अवैध बालू खनन के कारण न केवल राजस्व की क्षति हो रही है, बल्कि क्षेत्र के पर्यावरण पर भी इसका गंभीर असर पड़ रहा है। ट्रैक्टरों और हाईवा की तेज आवाज़ और धूल के कारण स्थानीय लोग परेशान हैं। वहीं, सड़कों की हालत भी खराब होती जा रही है।
अब सवाल यह उठता है कि प्रशासन कब तक इस मुद्दे पर मौन रहेगा? क्या सरकार इस पर सख्त कार्रवाई करेगी, या फिर यह अवैध कारोबार यूं ही चलता रहेगा? जनता को अब जवाब चाहिए।