सहारनपुर के स्मार्ट सिटी बनने के सपने पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यह नजारा किसी मंदिर की लाइन की बेरी कटिंग का नहीं, बल्कि पावधोई नदी की उस दीवार का है, जो दो साल पहले आई बाढ़ में बह गई थी। अग्रवाल धर्मशाला गेट, रामेश्वर मंदिर रोड पर स्थित इस दीवार को नगर निगम ने बजट की कमी बताकर बस बांस की बल्लियों से घेर दिया है। जबकि पुल के पास ही श्री टैगोर शिशु निकेतन स्कूल भीहै छोटे-छोटे बच्चे स्कूल में जाते हैं जबकि उनका नदी में गिरने का खतरा बना रहता है
नगर निगम का कहना है कि जब फंड आएगा, तब निर्माण किया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या सहारनपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की योजनाएं केवल उद्घाटनों तक ही सीमित हैं? मेयर साहब विभिन्न उद्घाटनों में पगड़ी और माला पहनते नजर आते हैं, नई सड़कों का लोकार्पण भी कर रहे हैं, लेकिन क्या जर्जर संरचनाओं की मरम्मत भी उनकी प्राथमिकता में शामिल है?
क्षेत्रवासी व्यंग्यात्मक लहजे में कह रहे हैं कि अगर यह दीवार भी बना दी जाए तो वे भी पूरे सम्मान के साथ मेयर साहब का स्वागत करेंगे, शॉल ओढ़ाकर और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका महिमामंडन करेंगे। लेकिन फिलहाल, नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान बना हुआ है, और सहारनपुर के स्मार्ट सिटी बनने का सपना बस कागजों तक सीमित नजर आ रहा है।
रिपोर्टर रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़