बड़ाबाजार के व्यवसायी की हत्या, शव ठिकाने लगाने के दौरान दो गिरफ्तार बीते दिनों

कौशिक नाग-कोलकाता बड़ाबाजार के व्यवसायी की हत्या, शव ठिकाने लगाने के दौरान दो गिरफ्तार बीते दिनों अहिरीटोला में ट्रॉली बैग से शव बरामद होने की घटना के बाद अब उत्तर 24 परगना के घोला में दिल दहला देने वाली एक और घटना सामने आयी. कल्याणी एक्सप्रेस के पास महिषपोता इलाके में पुलिस ने एक कैब की डिक्की की तलाशी में नीले रंग की ट्रॉली बैग से बड़ाबाजार के एक व्यवसायी का शव बरामद किया. मामले में दो आरोपियों कृष्णपाल सिंह व करण सिंह को गिरफ्तार किया गया है. मृतक का नाम भागाराम सिंह बताया गया है. वह मूलत: राजस्थान के निवासी थे. बड़ाबाजार के मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट में कपड़े के व्यवसायी थे. भागाराम समेत बाकी दोनों आरोपी भी कोलकाता के गिरीश पार्क थाना क्षेत्र में रमेश प्रजापति नामक के एक शख्स के किराये के घर में रहते हैं. हत्या के बाद आरोपी सामान्य दिनचर्या में लगे रहे, ताकि किसी को शक न हो. फिर आरोपियों ने शव को ठिकाने लगाने की योजना बनायी. इसके लिए वे लोग रात में एक ट्रॉली बैग में शव भर कर टैक्सी से नागेरबाजार गये. फिर वहां से दोनों ने एक कैब बुक किया. मुड़ागाछा ब्रिज से निमता होते हुए घोला थाना के महिशपोता में कल्याणी एक्सप्रेसवे के किनारे ले जाकर कैब रुकवायी. वहां काफी अंधेरा होने के कारण कैब के ड्राइवर को शक हुआ. उसने पूछा, तो दोनों की उससे बहस हो गयी. कैब रोक कर दोनों डिक्की के पास खड़े होकर इंतजार कर रहे थे. कैब ड्राइवर का शक और गहरा गया. उसने पूछा कि डिक्की में रखे ट्रॉली बैग में क्या है. पहले दोनों ने कहा कि कपड़े हैं. बाद में दोनों कैब ड्राइवर से उलझ गये. इस बीच, घोला थाने के पुलिसकर्मी गश्त लगाते हुए वहां पहुंच गये. संदेह होने पर पुलिसकर्मियों ने भी पूछताछ की. डिक्की खोल कर ट्रॉली बैग की तलाशी ली गयी, तो अंदर से शव मिला. साथ ही रक्त से सना चाकू, पॉलीथिन और नायलन की रस्सी भी मिली. इस बीच, मौका पाकर कृष्णपाल फरार हो गया, जबकि पुलिस ने करण को गिरफ्तार कर लिया. बाद में मोबाइल लोकेशन ट्रैक कर कुछ ही घंटों में कृष्णपाल को भी अरेस्ट कर लिया गया. इधर, घटनास्थल पर एसीपी घोला तनय चटर्जी भी पहुंचे. पुलिस का कहना है कि ट्रॉली बैग में रखे शव का चेहरा और हाथ-मुंह सेलो टेप से बंधा हुआ था. पुलिस मामले की जांच कर रही है. जांच में पता चला है कि आठ लाख रुपये की लेन-देन को लेकर हुए विवाद में भागाराम की हत्या की गयी. व्यवसाय के सिलसिले में भागाराम इन दोनों से कपड़े खरीदते थे. उन पर दोनों का आठ लाख रुपये का बकाया था. काफी समय से भागाराम पैसे लौटाने में आनाकानी कर रहे थे. इसे लेकर विवाद इतना बढ़ा कि कृष्णपाल और करण ने उनकी हत्या की योजना बनायी. मंगलवार को भागाराम को घर में पहले कॉफी पिलायी गयी, जिसमें जहर था. वह अचेत हो गये. फिर उनका गला घोंटने के बाद धारदार हथियार से उनकी गर्दन रेत दी गयी.

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