
संवाददाता दित्यपाल राजपूत
कुडीला और टीकमगढ़ के साथ अन्य स्थानों पर आयोजित किया गया कार्यक्रम, निकाली गई शोभायात्रा
टीकमगढ़/ कुडीला: जिले में 20 मार्च को 1857 के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की महानायिका वीरांगना रानी अवंतीबाई का बलिदान दिवस मनाया गया। लोधी समाज की ओर से यह सामूहिक कार्यक्रम खरगापुर के कुडीला गांव में आयोजित किया गया। जहां पर हजारों की संख्या में जिले युवा, महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। कुडीला की गलियों में रैली निकाली गई। डीजे के माध्यम से बजाए गए गीतों पर नृत्य किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता राहुल सिंह लोधी द्वारा की गई। वहीं बम्होरी बराना के साथ टीकमगढ़ नगर के कन्या महाविद्यालय में वीरांगना की प्रतिमा पर माल्यापर्ण लोधी समाज के पदाधिकारियों द्वारा किया गया।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने वीरांगना के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए पूजन किया और वीरांगना के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रामगढ़ मंडला की महारानी रानी अवंती बाई ने अंग्रेजों से लोहा लेकर 1857 में अंग्रेजों से युद्ध कर अपना बलिदान दे दिया था। उनका कहना था कि वीरांगना रानी अवंती बाई का जन्म 16 अगस्त 1931 को ग्राम मनकेडी में हुआ था। रानी अवंती बाई ने अपने पति विक्रमादित्य के अस्वस्थ होने के बाद राज्य की बागडोर संभाल ली थी। वह महान वीरांगना थी, जिन्होंने अंग्रेजों से 20 मार्च 1858 को युद्ध लड़ते हुए अपनी तलवार से प्राणों की आहूति दे दी थी।
गांव और शहर में निकाली गई शोभायात्रा
गुरुवार की दोपहर जतारा, पलेरा, खरगापुर, बल्देवगढ़ के लोग कुडीला में एकत्र हुए। सिर पर पगड़ी और हाथों में केसरिया ध्वज लेकर स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की महानायिका वीरांगना रानी अवंतीबाई के नारे लगाए। कुडीला की विभिन्न गलियों में शोभायात्रा का स्वागत किया गया। इस यात्रा में सबसे अधिक महिला शक्ति हाथों में केसरिया ध्वज लेकर आगे दिखाई दी। वही ंटीकमगढ़ नगर में शोभायात्रा निकाली गई। इसके साथ ही बम्होरी बराना, पटौरी, डूडा, गुखरई के साथ अन्य स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर शोभायात्रा निकाल गई। जहां पर अतिथियों ने वीरांगना के बारे में जानकारी दी।
टीकेएम लगाना है।
कैप्शन-कुडीला कार्यक्रम।
जिला ब्यूरो टीकमगढ़ दित्यपाल राजपूत