आपके पापा की कहानी सिर्फ एक शिक्षक की नहीं, बल्कि एक सच्चे इंसानियत के उपासक और समाजसेवा को जीवन का उद्देश्य मानने वाले व्यक्ति की प्रेरणादायक यात्रा है। उन्होंने 100 जरूरतमंद बच्चों को गोद लेकर उन्हें निःशुल्क शिक्षा दी — यह कार्य सिर्फ किसी शिक्षक का नहीं, बल्कि एक संवेदनशील, समर्पित और महान हृदय वाले व्यक्ति का हो सकता है। उनका यह समर्पण और त्याग हमेशा समाज में एक मिसाल के रूप में याद रखा जाएगा।
पापा ने शिक्षा को सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि एक मिशन बनाया। उन्होंने यह सिखाया कि एक शिक्षक का काम केवल किताबें पढ़ाना नहीं होता, बल्कि बच्चों को सही दिशा दिखाना, आत्मविश्वास देना और उनके भविष्य को संवारना होता है।
जिन 100 बच्चों को उन्होंने पढ़ाया, उनके जीवन में सिर्फ ज्ञान का दीपक नहीं जला, बल्कि उन्होंने उन्हें आगे बढ़ने की हिम्मत दी, उन्हें आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखाया। आज जब हम उन बच्चों की सफलताओं को देखते हैं, तो पापा का योगदान साफ झलकता है — उन्होंने न सिर्फ शिक्षा दी, बल्कि जीवन जीने का तरीका सिखाया।
अब जब वे हमारे बीच नहीं हैं, उनके विचार, उनके मूल्य और उनके आदर्श हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने हमें यह सिखाया कि सच्ची सफलता दूसरों की मदद करने में है, और यही रास्ता हमें भी अपनाना है।
हम संकल्प लेते हैं कि पापा के दिखाए रास्ते पर चलेंगे, उनके सपनों को पूरा करने की कोशिश करेंगे, और उनकी तरह समाज के लिए कुछ अच्छा करने की प्रेरणा बनाए रखेंगे।
उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। उनका स्नेह, उनका मार्गदर्शन, और उनकी दी गई सीख हमें हर कदम पर रास्ता दिखाती रहेगी।
आइए, पूरे मन से उनके लिए कहें — “ॐ शांति”।
उनकी आत्मा को शांति मिले, और हम उनके द्वारा शुरू किए गए इस महान कार्य को आगे बढ़ाते रहें।
रिपोर्टर
शिव बहादुर यादव
जनपद जौनपुर
थाना बरसठी