
टेलीमेडिसिन के माध्यम से जीआरएमसी के डॉक्टर देंगे ऑनलाइन इलाज, तैयारी पूरी
रिपोर्ट गजेन्द्र सिंह यादव
गजराजा चिकित्सा-महाविद्यालय ग्वालियर में एनएचएम से पीएचसी और सीएचसी केंद्रों की सूची आते ही शुरु होगी सुविधा
– पहले तीन डिपार्टमेंटों से होगी शुरुआत, डॉक्टरों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
ग्वालियर। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय (जीआरएमसी) एवं जयारोग्य चिकित्सालय समूह (जेएएच) के विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह ग्रामीण मरीजों को पीएचसी और सीएचसी केंद्र पर ही मिल सकेगी। इसके लिए टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू की जा रही है, जिसके अंतर्गत डॉक्टर वीडियो कॉल के माध्यम से मरीजों को परामर्श देंगे। इस आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और अब केवल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) की सूची का इंतजार है। जैसे ही सूची मिलेगी, यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। पहले चरण में तीन विभागों — गायनिक, मेडिसिन और पीडियाट्रिक विभाग से इसकी शुरुआत की जाएगी। इसके लिए संबंधित विभागों के डॉक्टरों को टेलीमेडिसिन के संचालन और व्यवहारिक पक्ष की जानकारी का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। बुधवार को जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक डॉ.सुधीर सक्सेना ने टेलीमेडिसिन कक्ष का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने टेलीमेडिसिन नोडल अधिकारी डॉ.मनीषा चौहान को स्वास्थ्य विभाग से पीएचसी-सीएचसी केंद्रों की सूची आते ही इसे शुरू करने के निर्देश दिए। बता दें कि टेलीमेडिसिन असिस्टेंट नोडल की जिम्मेदारी पीडियाट्रिक विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ.अवधेश वर्मा को सौंपी है।
्रक्या है टेलीमेडिसिन सुविधा?
टेलीमेडिसिन एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें डॉक्टर और मरीज के बीच इलाज की प्रक्रिया डिजिटल माध्यमों से होती है। मरीज अपने क्षेत्र के पीएचसी या सीएचसी में जाकर एक विशेष कक्ष में बैठकर डॉक्टर से ‘ई-संजीवनी पोर्टलÓ के माध्यम से वीडियो कॉल से परामर्श ले सकता है। इससे मरीज को यात्रा में समय और खर्च की बचत होती है और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह आसानी से मिल जाती है।
कम होगी रेफरल मरीजों की संख्या
टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू होने के बाद उन मरीजों की संख्या में कमी आ सकती है, जिन्हें छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। इस व्यवस्था से प्राथमिक इलाज वहीं हो जाएगा, और केवल गंभीर मरीजों को ही मेडिकल कॉलेज भेजा जाएगा। इससे मेडिकल कॉलेज पर मरीजों का भार भी कम होगा।
डॉक्टरों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
टेलीमेडिसिन के लिए डॉक्टरों को वीडियो कॉल पर परामर्श देने के तौर-तरीकों, केस हिस्ट्री लेने के डिजिटल तरीके और रिपोर्ट देखने की प्रणाली का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें टेक्निकल टीम भी डॉक्टरों की सहायता कर रही है।
वरदान साबित होगी टेलीमेडिसिन सेवा
जीआरएमसी डीन डॉ.आरकेएस धाकड़ ने बताया कि- टेलीमेडिसिन सेवा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगी। इससे दूरदराज के मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह लेने का मौका मिलेगा और उन्हें बार-बार शहर आने की जरूरत नहीं होगी। विभागीय स्तर पर इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और जैसे ही एनएचएम से सूची मिलती है, हम सेवा शुरू कर देंगे।