पाली जिले के सोजत स्थित सतलोक आश्रम में 20 अप्रैल 2025 को संत रामपाल जी महाराज के पावन सानिध्य में एक दिवसीय भव्य सत्संग का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ समाज सुधार के संदेश को आत्मसात किया।
सत्संग के दौरान प्रोजेक्टर पर दिखाए गए प्रवचनों में संत रामपाल जी महाराज ने शास्त्रों के प्रमाणों के साथ समझाया कि यह संसार काल ब्रह्म का बंधन है, जहाँ जीव 84 लाख योनियों में जन्म-मरण के चक्र में फंसा रहता है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश जैसे देव भी इस जाल से मुक्त नहीं हैं, तो उनके भक्त कैसे मुक्ति पा सकते हैं? उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी की तत्वज्ञानयुक्त भक्ति से ही मोक्ष संभव है, जो तत्वदर्शी संत के मार्गदर्शन में प्राप्त होती है। उन्होंने समाज से आह्वान किया कि अब अंधविश्वास और बाह्य आडंबर को त्यागकर शास्त्र आधारित भक्ति की ओर लौटने का समय आ गया है।
समागम में पूरी तरह दहेजमुक्त और सादगी से संपन्न हुए विवाह ने सभी का ध्यान खींचा। वर-वधु ने बिना किसी तामझाम, घोड़ी, बाजे या दहेज के केवल रमैणी विधि के अनुसार शादी कर समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया। इसी क्रम में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए आश्रम परिसर में 250 पौधे रोपे गए, जिससे पर्यावरण जागरूकता का भी संदेश प्रसारित हुआ।
इस अवसर पर नि:शुल्क नामदीक्षा का आयोजन भी किया गया, जिसमें 43 श्रद्धालुओं ने नशा त्यागने और आध्यात्मिक जीवन को अपनाने का संकल्प लिया।
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मध्य प्रदेश के
जिला गुना से गोलू सेन की रिपोर्ट