एक तरफ आशा कार्यकर्ता 27 दिन से काम बंद हड़ताल पर बैठी है और दूसरी और सरकार अपनी आंखें बंद कर के बैठी है

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(मंदसौर) चुनावी साल होने के चलते हर विभाग के कर्मचारीयों की वेतन वृद्धि और नियमतीकरण और छठे और सातवें वेतन मान के लिए और पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए हड़ताल कर रहे हैं। और एक तरफ प्रदेश की बेहने भी हड़ताल कर रही है।आशा कार्यकर्ता की नियमतीकरण और वेतन बढ़ाने की मांगो को लेकर 27 दिन से काम बंद हड़ताल पर बैठी है। आशा कार्यकर्ता का कहना है कि 15 मार्च से आज 11 अप्रैल हो गये है। पर अभी तक प्रशासन की तरफ से न कोई अधिकारी आया न विधायक महोदय या जनप्रतिनिधि हमारी बात सुनने तक नहीं आये। और एक तरफ शिवराज सिंह चौहान जो अपने प्रदेश की बेहनो के लिए लाडली बेहना योजना चलाई जा रही है। और दुसरी तरफ हम बेहने परेशान हो रही है। एक तरफ सरकार की मेहंगाई और दुसरी ओर वेतन कम।और वह भी समय पर भुगतान नहीं होता है। आशा कार्यकर्ता बेहनो का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पुरी नहीं हो जाती तब तक इसी तरह निरंतर हड़ताल जारी रहेगी।

इंडियन टीवी न्यूज से विजय पंडित की रिपोर्ट

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