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लखनऊ में होगा कृषि कुम्भ का आयोजन, किसानों को नई तकनीक सुझाएगा यूपी का कृषि कुंभ

Krishi Kumbh will be organized in Lucknow

लखनऊ,09 जुलाई 2023 (यूएनएस)। तकनीकी विकास का दौर है। सभी क्षेत्र में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, कृषि क्षेत्र भी पीछे नहीं हैं। देश-दुनिया में खेतीबाड़ी से जुड़ी अद्यतन तकनीक एवं नवाचारों से किसानों को परिचित कराने की जरूरत है ताकि वे अपनी आय बढ़ा सकें। सरकार ने बहुत पहले “लैब टू लैंड” का नारा दिया गया था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नवंबर में लखनऊ में कृषि कुंभ का आयोजन करने जा रही है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्घाटन कर सकते हैं। योगी 2.0 का पहला कृषि कुंभ होगा। इससे पहले योगी .01 में 2018 में 25 से 28 अक्टूबर तक पहला कृषि मेला भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ में लगा था। इस बार भी गन्ना अनुसंधान संस्थान में ही कुंभ का आयोजन होगा।कृषि कुंभ किसानों के साथ खेतीबाड़ी से जुड़े उपकरणों में नवाचार करने वालेउद्यमियों के लिए बेहतरीन अवसर साबित होगा। वे तकनीकों एवं उत्पादों का प्रदर्शन कर सकेंगे और ग्राहक जोड़ सकेंगे। कृषि कुंभ में कृषि से संबंधित विभाग शामिल होंगे और अपनी योजनाओं से जुड़े स्टॉल लगाएंगे। खेतीबाड़ी से जुड़ी सफलताओं को प्रदर्शित करेंगे। विभागों में पशुपालन, गन्ना, रेशम, मत्स्य,उद्यान, और उप्र भूमि सुधार निगम हैं।कृषि कुंभ में फसल विविधीकरण, जैविक खेती, भूजल संरक्षण, फलफूल खेती, हाइड्रोपोनिक्स, वर्टिकल गार्डन, औषधीय पौधों की खेती पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पशुपालन के उन्नत तरीकों के अलावा कुक्कुट, तीतर, बटेर, बकरी पालन, मछली के साथ बत्तख पालन, सिंघाड़े एवं मखाने की खेती, रंगीन एवं सजावट के लिए मछली पालन, रेशम की खेती, ऊसर भूमि का सुधार और एग्रो फारेस्ट्री जैसे आय के विकल्पों के बारे में जानकारी दी जाएगी।लोगों को महत्वपूर्ण विषयों की बारीकियां समझाने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। सत्रों के विषय एवं पैनल विशेषज्ञों का चयन उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद करेगा। इनके लिए प्रस्तावित विषयों में गौ आधारित प्राकृतिक खेती, मोटे अनाजों की उपयोगिता और उपयोग, कृषि क्षेत्र में कृषक उत्पादक संगठन यानि एफपीओ की भूमिका, डिजिटल खेती, कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप, कृषि यंत्रीकरण के लाभ, पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन शामिल होंगे। कंपनियों और संस्थाओं के साथ मेमोरंडम ऑफ स्टैंडिंग यानि एमओयू भी होंगे। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का कहना है कि इस अंतरराष्ट्रीय कृषि कुंभ के जरिए प्रदेश के किसान वैश्विक तकनीक से परिचित होंगे। कुछ प्रगतिशील एवं नवाचारी किसान इनका प्रयोग करेंगे जो अन्य किसानों को इनसे जोड़ने में सहायक होगा। इससे एक सिलसिला बनेगा जो किसानों की आय बढ़ाएगा।

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