*कोई मापदंड ही क्यों नजर नहीं आता..!!*
*स्वास्थ्य और शिक्षा इतनी महंगी साबित..!!*
वर्तमान दौर में अति आवश्यक दो मूलभूत सुविधाओं में महंगाई का रूप देखा जाए तो स्वास्थ्य और शिक्षा इतनी महंगी साबित हो रही है कि इसका उपभोक्ता बनने में मध्यम वर्ग और मजदूर वर्ग के कई लोग सक्षम नहीं हैं,शिक्षा में फीस की बढ़ोतरी आम जनता की सोच से परे लगती है,व्यक्ति दो जून की रोटी कैसे जुटाता है वही जानता है!उस पर बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य में इतना पैसा लगता है। इस तरह निजी अस्पतालों में पीड़ित की पीड़ा दुगना करने में अस्पताल की भारी-भरकम फीस और अन्य जांच के शुल्क सीमा से ज्यादा होते हैं! कोई मापदंड ही नजर नहीं आता!सवाल है कि क्यों नहीं शिक्षा और स्वास्थ्य को सेवाभावी होना चाहिए,आमजन की यह मूलभूत सुविधाओं में महंगाई जनता के सकारात्मक जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करती है! शिक्षा,स्वास्थ्य सस्ते हों, जनता के लिए राहत भरे हों!ऐसी कारगर नीति तैयार करनी चाहिए,अन्यथा जनता इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह जाएगी। रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़