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झारखण्ड की संस्कृति और पहचान है करमा पूजा – अंबा प्रसाद

नरेश सोनी की रिपोर्ट

हजारीबाग। बड़कागांव प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों पहुंची विधायक अंबा प्रसाद, करम पर्व की दी शुभकामनाएं।

बड़कागांव- मांदर की थाप और करम गीत के साथ पूरे बड़कागांव क्षेत्र में धूमधाम से करमा पुजा मनाया गया। स्थानीय विधायक अंबा प्रसाद भी क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों के करम अखाड़ा पहुंचकर पूजा अर्चना किया एवं शुभकामनाएं दिया। इस दौरान विधायकों के साथ पारंपरिक नृत्य भी किया। विधायक ने इस अवसर पर कहा कि करमा पूजा झारखण्ड की संस्कृति की पहचान है। इस त्योहार में प्रकृति की पूजा कर अपनी विरासत को जीवित रखते है। करमा को लेकर कई लोक प्रस्तुतियां और कई लोक कथाएं भी प्रचलित हैं। महिलाए व युवतियां 24 घंटे का उपवास करती है। इस दौरान महिलाएं कर्म डाल की पूजा करती है।जिनके माध्यम से यह पता चलता है कि करमा का व्रत कुवारी लड़कियां अपने भाई की लंबी आयु के लिए करती हैं। यह व्रत भादो माह की एकादशी को किया जाता है और इसमें करम के वृक्ष की पूजा की जाती है। करम के वृक्ष की पूजा कर लड़कियां यह कामना करती हैं। उनके भाई की आयु भी करम के वृक्ष की आयु की तरह अधिक हो और उनके परिवार के सभी सदस्य खुशहाली से अपना जीवन व्यतीत करें।

इस दौरान विधायक अंबा प्रसाद ने उरीमारी, महुंगाई कला, महुंगाई खुर्द, पिपराडीह, बिश्रामपुर, सांढ़, चंदौल, बचबरिया,चंदौल रविदास मोहल्ला, चंदौल रजवार मोहल्ला, पुंदौल, सोती समेत विभिन्न गांव टोला पहुंची व प्रकृति पर्व करम की शुभकामनाएं दी।

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