
ब्यूरो चीफ राकेश मित्र जिला-कांकेर। भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रतिनिधि पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष नरोत्तम सिंह चौहान ने उनके विचारों के बारे में अपनी जिज्ञासा जाहिर करते हुये कहा की,
कबीर दास जेठ पूर्णिमा को संत कबीर दास जयंती मनाई जाती है 30 साल कबीर दास जयंती 11 जून 2025 को कबीर 15वीं साड़ी के महान संत थे कबीर दास जी ने अपनी भक्ति और सूफी परंपराओं के जरिए समाज को कई संदेश दिए संत एवं समाज सुधारक संत कबीर दास ने अपने लेखन से भक्ति आंदोलन को बहुत प्रभावित किया कबीर दास ने अपने दोहे के जरिए समाज में चल रहे कई भेदभाव व पाखंड को समाप्त करने की कोशिश की! लोगों का मानना है कि आज भी कबीर दास के दोहे लोगों को मानवता प्रेम मानवता का रास्ता दिखाते हैं आज कबीरदास जयंती पर अपने और अपनों को उनके दोहे के माध्यम से विचार बदल सकते!
1. बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, साइन इतना दीजिए,जा मे कुटुम समाय, बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, गुरु गोविंद डाउ खड़े, काके लागू पाँय, ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोए, औरन को शीतल करें, आपहु शीतल होए, धीरे-धीरे मना धीरे सब कुछ होय, चिंता ऐसी डाकिनी, काट कलेजा खाए, दुर्लब को न सताइये, जाकी मोटी हाय!