करोड़ों रुपए की नगरपालिका की अनदेखी
चंद्रपूर-महाराष्ट्र(क्रिष्णाकुमार संवाददाता)
राजुरा: नगरपालिका परिषद राजुरा के अंतर्गत दस मछली विक्रेताओं के लिए 52 स्टॉल बनाए गए थे 15
सालों पहले दस मछली विक्रेताओं के लिए 52 स्टॉल बनाए गए थे। निर्माणाधीन भवन पिछले 15 सालों से धूल में पड़ा है। इसके कारण नगरपालिका परिषद राजुरा के एक करोड़ रुपए पानी में बह गए हैं।
ऐसा देखा जा रहा है कि नगरपालिका द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शहरी विकास योजना के अंतर्गत नगरपालिका परिषद राजुरा द्वारा वर्ष 2010 में सोमनाथपुर में मछली विक्रेताओं के लिए एक बड़ी इमारत का निर्माण किया गया था। इस पर लगभग एक करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। इमारत बनकर तैयार हो गई। लेकिन, पिछले 15 सालों से यह ऐसे ही खड़ी है। इसका न तो उद्घाटन हुआ है और न ही मछली विक्रेताओं को दुकान मिली है। फिर राजुरा शहर के लोग सवाल पूछ रहे हैं कि यह इमारत क्यों बनाई गई, इसका खुलासा कब होगा। सिर्फ निर्माण, कमीशन बांटना, ऐसा गोरखधंधा राजुरा शहर में चल रहा है। इस बारे में पूछे जाने पर पूर्व महापौर रमेश नाले ने कहा कि इमारत 2010 में बनाई गई थी। इमारत वैसी ही बनी रही, क्योंकि बाद में नगर परिषद प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। सोमनाथपुर के पूर्व नगरसेवक राजेंद्र दोहे से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैंने कई बार नगर परिषद राजुरा से इमारत शुरू करने का अनुरोध किया है। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण पिछले 15 वर्षों से इमारत धूल में पड़ी है। इस बारे में पूछे जाने पर नगर परिषद राजुरा के मुख्य अधिकारी हेमाजी धुमाल ने कहा कि मैं इमारत का निरीक्षण कर आगे की कार्रवाई करूंगा। इस संबंध में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है।