जिला-सिवनी ब्यूरो चीफ
अनिल दिनेशवर
*आखिर प्रभारी मंत्री का कौन ने बनाया था फर्जी लेटरहैड,15 दिन बाद भी अधिकारी नहीं लगवा पाए पता ,सचिव के ऊपर भी अब तक क्यो नहीं हुई कार्रवाई?*
सिवनी जिले की छपारा जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत तुलफ रैयत में पदस्थ सचिव सलीम कुरेशी का स्थानांतरण रुकवाने के लिए प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा के हस्ताक्षर का लेटरहेड बनाया गया था और 31 अगस्त 2021 को उक्त पत्र जिला कलेक्टर के नाम से लिखते हुए सलीम कुरैशी का ट्रांसफर रोकने की अनुशंसा की गई थी जिसे तुलफ रैयत के सचिव सलीम कुरैशी,जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पार्थ जयसवाल के पास लेकर गए उक्त पत्र को पढ़ने के बाद पार्थ जायसवाल को शंका हुआ तब उन्होंने पत्र की सच्चाई जानने की कोशिश की तो पता चला कि तुलफ रैयत के सचिव सलीम कुरेशी का स्थानांतरण रोकने के लिए प्रभारी मंत्री की ओर से कोई पत्र जारी नही किया गया जिसके बाद यह पूरा मामला सुर्खियों में आ गया ,हालाकि मामला उजागर होने के 18 दिन लगभग गुजर जाने के बावजूद इसके ना तो फर्जी लेटरहेड से अपना स्थानंतरण रुकवाने का प्रयास करने वाले सचिव सलीम कुरेशी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई और न हो अधिकारी यह भी पता नही लगा पाए की जिले के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा का फर्जी लेटरहेड किसने प्रिंट करवाया था गौरतलब है कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पार्थ जायसवाल 28 अगस्त 2021 को आदेश क्र.1646/पंच./प्रको./जिप./2021 जारी किया था जिसमे लगभग 63 सचिवों का प्रशासकीय आधार पर स्थानांतरण किया गया था जिसमे 23 वे नम्बर पर सलीम कुरेशी ग्राम पंचायत तुलफ रैयत सचिव का स्थानांतरण ग्राम पंचायत झींझरइ जप.घंसौर किया गया था
स्थानांतरण के तीन दिन बाद 31 अगस्त के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा के हस्ताक्षर का एक पत्र जारी किया गया था जिसे लेकर सलीम कुरेशी जिला पंचायत के सीईओ पार्थ जायसवाल के पास पहुंचा था जिसके बाद यह पूरा मामला सुर्खियों में आ गया था हालांकि उसके बाद न तो जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पार्थ जायसवाल ने कोई गंभीरता दिखाया और न ही पुलिस विभाग ने इस पूरे मामले को लेकर कोई ठोस कार्यवाही कर पाई ।
आखिर सचिव सलीम कुरेशी के ऊपर मेहरबानी का राज क्या है ? और फर्जी लेटरहेड का मास्टरमाइंड कौन है इसकी निष्पक्षता से जांच क्यो नही हो रही है
छपारा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत तुलफ रैयत के सचिव सलीम कुरेशी के विरुद्ध अबतक सीईओ ने किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही क्यो नही किया जबकि सलीम कुरेशी का स्थानांतरण रुकवाने के लिए ही फर्जी लेटरहेड बनवाया गया था ऐसे में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन आधीकारी को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सचिव सलीम कुरेशी की भूमिका तय करना था वहीं पुलिस को भी सलीम कुरेशी से सख्ती से पुछताज करना था ताकि पता चल सके कि उन्होंने किसके माध्यम से 420 जैसे कुकृत्य लेटरहेड को बनवाया था लेकिन सचिव सलीम कुरेशी के ऊपर न तो जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कोई कार्यवाही किया और न ही पुलिस ने सचिव सलीम कुरेशी की भूमिका तय कर पाई । कुल मिलाकर फर्जी लेटरहेड का मामले कि जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है जो सचिव के लिए राहत की बात है
इससे 420 कृत्य करने वालों के हौसले बुलंद होंगे और शासन प्रशासन को चुना लगाने में उनकी दिलेरी ओर बढ़ते ही जाएगी