कुशीनगर जिले के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट दिनेश कुमार की अदालत ने अबोध बालक से कुकर्म के मामले में युवक को दोषी करार दिया है। उसे बीस साल के सश्रम कारावास व 3 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
खास बात यह है कि अदालत ने सम्पूर्ण विचारण की कार्यवाही छह माह तीन दिन के अन्दर पूरी कर सजा सुना दी है। तरया सुजान थाने में पीड़ित बच्चे के पिता ने इस आशय का पंजीकृत कराया था कि उनका चार साल का बेटा 07 नवंबर 2024 को दोपहर में दुर्गा मन्दिर पर खेल रहा था, तभी अभियुक्त रिशु सैनी उर्फ दुर्गेश सैनी पुत्र स्व शारदा माली निवासी तरया सुजान खास, थाना तरया सुजान उसे घसीटते हुए बांसवारी में ले गया और कुकर्म किया।
पुलिस ने सीमित वक्त में विवेचना पूरी कर अदालत में उसके खिलाफ कुकर्म व पॉक्सो में चार्जशीट दाखिल कर दी। न्यायालय ने अभियुक्त के विरुद्ध अपराध का प्रसंज्ञान लिया। अभियुक्त के ऊपर 04 जून 2025 को आरोप विरचित किया गया। अभियोजन की तरफ से 9 साक्षीगण न्यायालय में परीक्षित कराये गये। मंगलवार को खुले न्यायालय में अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य पाकर अभियुक्त रिशु सैनी उर्फ दुर्गेश सैनी को दोषी करार दिया। उसे बीस साल के सश्रम कारावास व तीन लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की 80 फीसदी रकम पीडित बालक के नैसर्गिक अभिभावक को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी। विशेष शासकीय अधिवक्ता (पाक्सो एक्ट) संजय कुमार तिवारी व सुनील कुमार मिश्श्र के द्वारा गम्भीरता से मुकदमे की शासन की तरफ से पैरवी की गयी। पैरोकार तरयासुजान विपुल गौड के द्वारा भी प्रभावी पैरवी की गयी। अदालत की टिप्पणी सजा सुनाते हुए अदालत ने टिप्पणी की है अभियुक्त के कृत्य से अबोध बालक के मनःमस्तिष्क पर गहरा आघात छिपा रहेगा कि इस दुनिया में ऐसे दरिन्दे भी निवास करते हैं, जो सभ्य समाज के लिए घातक हैं। अतः अभियुक्त के कृत्य को देखते हुए इसे कठोर दण्ड से दण्डित किया जाना न्यायसंगत होगा, जिससे समाज में ऐसे अपराध पर रोक लगायी जा सके।