गौरतलब है कि तीसरी रेलवे लाइन के विस्तारीकरण का कार्य कर रहे ठेकेदारों द्वारा लगातार ही लापरवाही की जाती रही है। कुछ माह पूर्व ही कटनी दमोह जंक्शन के बीच रतनगांव-सगौनी रेलवे स्टेशन के बीच भी किलोमीटर क्रमांक 1182 के आसपास पहाड़ों की बड़ी-बड़ी चट्टानों को तोड़ने के लिए ब्लास्टिंग की गई थी। जिसमें पत्थर के बड़े-बड़े बोल्डर रेल पटरी पर आकर गिर गए थे,जिससे रेल यातायात बाधित हुआ था। इसी तरह राजस्व भूमि का अवैध उत्खनन भी ठेकेदारों द्वारा बगैर स्वीकृति के लगातार किया जाता रहा है। एक बार खनिज विभाग द्वारा अवैध उत्खनन करते हुए ठेकेदारों के डंपर करीब 1 वर्ष पूर्व जप्त किए गए थे। तो वही बिना अनुमति के घटेरा में राजस्व भूमि पर खुदाई करने पर तहसीलदार द्वारा भी कार्यवाही की गई थी। इन घटनाओं के बाद घटेरा में भी यह बड़ी घटना ठेकेदारों की लापरवाही से सामने आई है।
गुरुवार को घटेरा के पास व्यारमा नदी में ब्लास्टिंग से विद्युत तार टूटने की बड़ी घटना की जांच करने शुक्रवार को जबलपुर से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण विभाग व्ही के अग्रवाल एवं सुरक्षा मुख्य सुरक्षा अधिकारी सहित दर्जनों अधिकारी घटेरा पहुंचे और घटना की बारीकी से जांच की गई। इस संबंध में गोलापट्टी से असलाना तक तीसरी रेल लाइन का कार्य देख रहे आईओ डब्ल्यू रेल विभाग के अधिकारी एसके रिछारिया ने बताया कि इस घटना में ठेकेदार की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसमें बिना विभागीय स्वीकृति के ब्लास्टिंग की गई थी,जबकि ब्लास्टिंग की कोई अनुमति नहीं है घटना की उच्च स्तरीय जांच जारी है।